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J&K : खुद के बच्चे विदेशों में, लोगों के बच्चों को कर रहे अलगाववादी गुमराह

राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि अलगाववादियों और कश्मीर की मुख्य धारा के राजनीतिक दलों के नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं लेकिन यह नेता लोगों के बच्चों को गुमराह कर रहे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 02:11 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 02:11 PM (IST)
J&K : खुद के बच्चे विदेशों में, लोगों के बच्चों को कर रहे अलगाववादी गुमराह
J&K : खुद के बच्चे विदेशों में, लोगों के बच्चों को कर रहे अलगाववादी गुमराह

जम्मू, राज्य ब्यूरो । राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि अलगाववादियों और कश्मीर की मुख्य धारा के राजनीतिक दलों के नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं लेकिन यह नेता लोगों के बच्चों को गुमराह कर आतंकवाद में धकेल रहे हैं। आज तक किसी अलगाववादी नेता का कोई बच्चा आतंकी वारदात में नहीं मरा है। यह सच कश्मीर के लोगों को समझना होगा।

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राज्यपाल श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारों ने कश्मीर को आज तक जितने रुपये दिए हैं, अगर वे कश्मीर के लोगों के विकास और कल्याण पर खर्च होते तो उनके घर की छतें सोने की बनी होती लेकिन चंद नेताओं और अधिकारियों ने इन रुपयों का दुरुपयोग किया। इन नेताओं और अधिकारियों का एक घर कश्मीर, एक जम्मू, एक दिल्ली तो एक दुबई में है।

कश्मीर के इन नेताओं का सच लोगों को समझना होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार की जड़े बहुत मजबूत हैं। वह जब से आए हैं, उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास किया है। राजभवन में उनसे एक दिन कुछ युवा उनसे मिलने आए तो उनकी बात सुनकर वह हैरान हो गए। युवाओं ने कहा कि जेके बैंक में उनका चयन हुआ था लेकिन उनकी जगह किसी और को नौकरी दे दी गई।

उन्होंने बैंक के चेयरमैन को बुलाया और उससे कहा कि अगर उसने सच नहीं बताया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस पर चेयरमैन ने बताया कि बैंक में कुल 582 पद थे। इन पदों को उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के दबाव में भरा है। राज्यपाल ने कहा कि इस पर उन्होंने सभी नियुक्तियों को रद कर पारदर्शी तरीके से युवाओं को नियुक्त किया। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अड़े रहे। राज्यपाल ने एक बार फिर से कुछ उद्योगपतियों को आड़े हाथ लिया और उनकी तुलना सड़े हुए आलू से की। उन्होंने कहा कि यह अमीर लोग अपने बच्चों की शादी पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं लेकिन जब अच्छे कामों के लिए दान देने की बात हो तो एक रुपया देने से भी कतराते हैं। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्रियां और मेडल भी दिए।  


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