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    Jammu: शिक्षा विभाग के नियमों की उड़ाई धज्जियां, वर्षों से एक ही स्कूल में डटे शिक्षक, तबादले को तैयार नहीं

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sat, 17 Jun 2023 10:16 AM (IST)

    Jammu News जम्मू कश्मीर में शिक्षक विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वहां ऐसे शिक्षकों की संख्या सैंकड़ों में है जो वर्षों से एक ही स्कूल में जमकर बैठे हैं। वे उस स्कूल को छोड़कर कहीं दूसरी जगह जाने को वह अब भी तैयार नहीं है।

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    जम्मू में तबादले को तैयार नहीं शिक्षक, एक ही स्कूल में हैं डटे

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू कश्मीर में ऐसे कई शिक्षक हैं, जो वर्षों से एक ही स्कूल में जमकर बैठे हैं। वे उस स्कूल को छोड़कर कहीं दूसरी जगह जाने को वह अब भी तैयार नहीं है। शिक्षा विभाग ने हालांकि वार्षिक तबादला अभियान के तहत उन शिक्षकों से आवेदन मांगे थे, जो तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्कूल में नियुक्त हैं और अपना तबादला करवाना चाहते हैं।

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    बीस साल से एक ही स्कूल में डटे हैं शिक्षक

    शिक्षा निदेशालय जम्मू ने एक सूची जारी की है। सूची में उन शिक्षकों की जानकारी दी है जो वर्षों से एक ही स्कूल में बैठे हैं। मास्टर ग्रेड के इन शिक्षकों में कुछ तो ऐसे भी हैं, जो बीस वर्ष एक ही स्कूल में दे चुके हैं और अब भी उस स्कूल को छोड़कर जाने को तैयार नहीं है। इसके अलावा सैंकड़ों शिक्षक ऐसे भी हैं जो सात या उसे अधिक समय से अपना तबादला रोककर बैठे हुए हैं। अगर जम्मू जिले की बात की जाए तो यहां पर आठ सौ के करीब ऐसे मास्टर ग्रेड शिक्षक हैं जो जिले से कभी बाहर ही नहीं गए।

    तीन साल तक एक ही स्कूल में रह सकते हैं शिक्षक

    अपने रसूख का इस्तेमाल कर ये मास्टर ग्रेड शिक्षक शहर या उसके साथ लगते स्कूलों में लगे हुए हैं और वे न तो इन स्कूलों को छोड़ रहे हैं और न ही वहां किसी दूसरे को अपनी जगह आने दे रहे हैं। शिक्षा विभाग का नियम है कि एक ही स्कूल में ज्यादा से ज्यादा तीन वर्ष ही किसी शिक्षक की नियुक्ति रह सकती है। लेकिन यह नियम धरे के धरे रह गए हैं। वार्षिक तबादला अभियान शुरू होने के बाद अब इन शिक्षकों में हलचल पैदा होना शुरू हो गई है।

    तबादलों को लेकर परेशान हुए शिक्षक

    अब सूची जारी होने के बाद ये शिक्षक अपने तबादलों को लेकर भी परेशान दिख रहे हैं। जम्मू कश्मीर टीचर्स फोरम के प्रांतीय प्रधान कुलदीप सिंह बंदराल का कहना है कि तबादलों में पारदर्शिता होनी चाहिए। हार्ड जोन में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को भी तबादलों का लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा जो शिक्षक अपने गृह जिलों से दूर हैं, उन्हें भी उनके जिलों में काम करने का मौका मिलना चाहिए।