गुलाम नबी बट की सलाह पर प्रधानमंत्री हुए खुश, कहा- कोई नेक दिल ही दे सकता है ऐसा सुझाव
प्रधानमंत्री भी उनके इस सुझाव से उत्साहित दिखे और उन्होंने कहा कि ऐसा सुझाव कोई नेक दिल इंसान ही दे सकता है जोकि अपने साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखता है।
जम्मू, जेएनएन। आप इंसानियत की खिदमत कर रहे हैं। इंसानियत की खिदमत करना ही सबसे बड़ी इबाबत है। औषधीय केंद्रों का लाभ अभी शहरों-मुख्य कस्बों तक ही सीमित है। यही केंद्र अगर गांव-गांव तक खुल जाए तो वहां रहने वाले गरीब लोग भी सस्ते दामों पर अपना इलाज करा पाएंगे। इससे हजारों जरूरतमंद लोगों का इलाज हो सकेगा और कोई भी लाइलाज दम नहीं तोड़ेगा।
ये बात श्रीनगर के रहने वाले गुलाम नबी बट ने प्रधानमंत्री से वीडियो काफ्रेंसिंग के दौरान कही। दरअसल देश के अन्य भागों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी प्रधानमंत्री जन औषधीय केंद्रों में मरीज सस्ती दवाइयां खरीदकर इलाज के खर्च में कटौती कर रहे हैं। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इन दुकानों में खरीददारी करने वाले मरीजों से बातचीत की तो श्रीनगर के रहने वाले गुलाम नबी बट ने प्रधानमंत्री से यह लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने की मांग कर दी। क्योंकि अभी भी ये दुकानें शहरों व मुख्य कस्बों तक ही सीमित हैं। लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों मरीज इनमें हर दिन दवाइयां खरीदने के लिए पहुंचे होते हैं।
गुलाम नबी के इस सुझाव से उत्साहित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा सुझाव कोई नेक दिल इंसान ही दे सकता है। क्योंकि वह ही अपने साथ-साथ दूसरों का ख्याल रखता है। उन्होंने इसे एक शानदार सुझाव बताया। इससे पहले गुलाम नबी ने कहा कि पहले वह हर महीने अपनी बीमारी पर दस हजार रूपये खर्च करता था परंतु जब उन्हें यह जानकारी मिली कि सस्ती दवाइयों की सरकारी दुकान खुली है तो वह इसी जनऔषधीय केंद्र में दवाई लेने के लिए पहुंचा। जो दवाइयां वह पहले दस हजार रूपये में खरीदता था अब वही दवाइयां एक हजार रूपये में आती हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बहुत से लोग बीमार हैं जोकि अपनी बीमारी का खर्च नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में अगर यह सस्ती दवाइयां हर जगह उपलब्ध हों तो सभी अपना बेहतर इलाज करवा सकते हैं। बट ने प्रधानमंत्री के बेहतर स्वास्थ्य की अल्लाह से दुआ करते हुए कहा कि वह इसी तरह इंसानियत के हित में काम करते रहें।