बस अमन से भरा यह वतन चाहिए; बटालियन के सेकेंड इन कमान कमल सिसोदिया की कविता ने भावुक किया
श्रीनगर में केरिपुब के नाके पर हमले करने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराने में बल की सेकेंड इन कमान संतो देवी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
जम्मू, विवेक सिंह। पुलवामा हमले के शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला जांबाजों का भी खून खोल रहा है। शुक्रवार को 76वीं बटालियन में हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जवानों से लेकर अधिकारियों की आंखें नम: थी।
बटालियन के सेकेंड इन कमान कमल सिसोदिया ने शहीदों को याद कर कविता सुनाई जब देश की खातिर मरूं तो तिरंगा कफन चाहिए। मुझे न तन चाहिए न धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक ङ्क्षजदा रहूं मातृभूमि के लिए जब मरूं तो तिरंगा कफन चाहिए। देश के लिए कर कुर्बानी देने को तैयार कमल की यह कविता जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लड़ रही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जज्बे को बयां करती है। जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की महिला जांबाज भी आतंकवाद विरोधी अभियानों में कंधे से कंध मिलाकर लड़ रही हैं। गत शुक्रवार शाम को सेकेंड इन कमान कमल सिसोदिया ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर सबको भावुक कर दिया। उनकी बटालियन के पांच वीरों ने पुलवामा में गत वर्ष 14 फरवरी को शहादत पाई थी। आज भारत माता के ऐसे 40 बेटे की बरसी है।
केरिपुब के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में महिला अधिकारियों ने शहीद हेड कांस्टेबल नसीर अहमद की पत्नी शाजिया कौसर को सम्मानित कर विश्वास दिलाया कि देश के दुश्मनों को बख्शा नहीं जाएगा। सम्मानित करने वाली महिला अधिकारियों में जम्मू सेक्टर की आइजी चारू सिन्हा व डीआइजी नीतू मुख्य थी। दोनों महिला अधिकारियों ने गत दिनों नगरोटा में 3 आतंकवादियों को मार गिराने की मुहिम का मौके पर मौजूद रहकर नेतृत्व किया था। वहीं गत दिनों श्रीनगर में केरिपुब के नाके पर हमले करने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराने में बल की सेकेंड इन कमान संतो देवी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।