Army In Kashmir: कश्मीर के लोगों ने माना आतंकवादी-अलगाववादी नहीं, सेना ही है उनकी मददगार, शुक्रिया इंडियन आर्मी
Army in Kashmir आतंकवाद की राह पर चलकर कश्मीर के लोगों ने कई अपनों को खोया है। अलगाववादी नेता आतंकी संगठनों के सदस्यों ने हमेशा ही कथित आजादी के नाम पर कश्मीर के लोगों को गुमराह किया है।
श्रीनगर, जेएनएन। आतंकवादियों को अपना दोस्त व सेना को अपना दुश्मन मानने वाले कश्मीर के लोगों को यह सच्चाई समझ आने लगी है कि कश्मीर में सेना उनकी सुरक्षा-मदद के लिए है न की उन्हें परेशान करने के लिए। कश्मीर में प्राकृतिक आपदा का समय हो या फिर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की। हम लोगों की मदद अलगाववादी नेताओं, आतंकी संगठनों ने बल्कि सेना ने ही की है। परिस्थितियां कैसी भी हों सेना ने जब कभी भी जरूरत पड़ी कश्मीर के लोगों की मदद की है। जरूरत के समय मदद मांगने पर किसी सैन्य अधिकारी या फिर जवान ने कभी यह नहीं कि हम आपकी मदद क्यों करें, आप भी उन्हीं में से एक हैं, जो हम पर पत्थर बरसाते थे। इस सबके के लिए शुक्रिया इंडियन आर्मी।
दिल से निकले ये शब्द जिला बारामुला के डांगीवाचला के इलाके में रहने वाले रहमान मसूद के हैं। उन्होंने बताया कि पिछली रात इलाके में स्थित एक मोबाइल की दुकान पर अचानक से आग लग गई। आग की लपटें देख स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड विभाग को सूचित किया। इलाके के नजदीक स्थित सैन्य शिविर में तैनात जवानों ने भी आग की लपटें व धुआं निकलते हुए देखा। बस फिर क्या सेना की एक टीम पानी के टैंकर के साथ इलाके में बचाव कार्य के लिए पहुंच गई। सेना के जवान घटनास्थल पर पहुंते ही राहत कार्यक्रम में जुट गए।
कुछ ही समय में आग पर काबू पा लिया गया। सैन्य जवानों की इस त्वरित कार्रवाई ने इलाके में आग फैलने से रोक दिया। हालांकि इस बीच फायर ब्रिगेड विभाग का दस्ता भी वहां पहुंच गया परंतु उनके पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया गया था।
स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में जुटे सैन्य जवानों का बार-बार आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समय पर पहुंचाई गई मदद ने क्षेत्र में बड़ा नुकसान होने से बचा लिया।
वहीं जवानों ने इस पर स्थानीय लोगों से बस यही बात कही कि उनके दुख-सुख में सेना हमेशा उनके साथ है। उनकी मदद के लिए वह हमेशा मौजूद हैं। स्थानीय निवासी गुलाम मोहम्मद ने कहा कि सेना की इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया है। आतंकवाद की राह पर चलकर कश्मीर के लोगों ने अपनों को खोया है।
अलगाववादी नेता, आतंकी संगठनों के सदस्यों ने हमेशा ही कथित आजादी के नाम पर कश्मीर के लोगों को गुमराह किया है। सेना के जवानों को देखते ही उन पर पत्थर बरसाने के लिए कहा गया। हमने किया भी परंतु बदले में सेना ने बाढ़ के समय, बर्फबारी के समय, आगजनी की घटनाओं के समय हमेशा हम लोगों की मदद की।
वहीं सेना के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता का कहना है कि सेना आपदा प्रंधन में दक्ष है। ऐसे में कोई भी आपदा होने पर सेना बिना वक्त गवाएं लोगों की मदद के लिए आ जाती है। यही कारण है कि सेना ने फायर ब्रिगेड के मौके पर पहुंचने से पहले ही अपने स्तर पर कार्रवाई करते हुए ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया।