Jammu Kashmir: पाक के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शनों के इच्छुक जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालुओं की राह होगी आसान
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर तीस नवंबर 2020 को भी जम्मू कश्मीर से कोई जत्था पाकिस्तान नहीं जाएगा। जत्थे को भेजने के लिए सारे प्रबंधन करने वाले शमशेर सिंह चौहालवी ने कहा कि इस बार जम्मू कश्मीर से जत्था पाकिस्तान नहीं जा रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन करने के इच्छुक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सिख श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सरकार ने आन लाइन पोर्टल खोला है। इसके लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया हैं। जम्मू-कश्मीर से खालसा पंथ के स्थापना दिवस बैसाखी पर अप्रैल माह, श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर हर साल सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान जाता है लेकिन इसके लिए प्रबंध जम्मू-कश्मीर में गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड और जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू की तरफ से शमेशर सिंह चौहालवी करते है। वह जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालुओं के पासपोर्ट लेकर केंद्रीय गृह विभाग से लेकर पाकिस्तान के उच्चायुक्त तक की सारी कार्रवाई करते आ रहे है।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर सरकार ने सीधे तौर पर श्रद्धालुओं के आवेदन करने की व्यवस्था कर दी है। जम्मू कश्मीर के गृह विभाग ने डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय जम्मू में एडिशनल कमिश्नर पवन कुमार शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। पवन कुमार शर्मा आन लाइन पोर्टल यात्रा टू गुरुद्वारा डाट एमएचए डाट जीओवी डाट इन पर आवेदन पत्र हासिल करेंगे। जारी आदेश के अनुसार आवेदन पत्र आगे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जाएंगे।
पंजाब से साल में चार बार श्रद्धालु पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शनों के लिए जाते है। वह बैसाखी, श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव, महाराजा रंजीत सिंह की पुण्यतिथि और श्री गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर पाकिस्तान जाते है। पाकिस्तान में श्रद्धालुओं में गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब सहित कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शनों का मौका मिलता है। इस बार कोरोना से उपजे हालात के कारण खालसा पंथ के स्थापना दिवस बैसाखी पर 13 अप्रैल 2020 को जम्मू कश्मीर से सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान नहीं जा पाया।
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर तीस नवंबर 2020 को भी जम्मू कश्मीर से कोई जत्था पाकिस्तान नहीं जाएगा। जत्थे को भेजने के लिए सारे प्रबंधन करने वाले शमशेर सिंह चौहालवी ने कहा कि इस बार जम्मू कश्मीर से जत्था पाकिस्तान नहीं जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से सामान्य तौर पर अस्सी से लेकर डेढ़ सौ के करीब श्रद्धालु पाकिस्तान जाते है।