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Jammu Kashmir: जन्मदिन पर केक लेकर आठवीं के छात्र कफील के घर अचानक पहुंच गए सैन्य अधिकारी, खुशी से झूम उठा छात्र

नए साल में जम्मू संभाग के रियासी जिले के थुरू गांव में सेना के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी आठवीं कक्षा के छात्र कफील उल हक के लिए सेना की उत्तरी कमान की ओर से जन्मदिन का केक लेकर पहुंचे। कफील का जन्मदिन एक जनवरी को था।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 03:00 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 03:25 PM (IST)
Jammu Kashmir: जन्मदिन पर केक लेकर आठवीं के छात्र कफील के घर अचानक पहुंच गए सैन्य अधिकारी, खुशी से झूम उठा छात्र
छात्र कफील उल हक के लिए सेना की उत्तरी कमान की ओर से जन्मदिन का केक लेकर पहुंचे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : नए साल में जम्मू संभाग के रियासी जिले के थुरू गांव में सेना के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी आठवीं कक्षा के छात्र कफील उल हक के लिए सेना की उत्तरी कमान की ओर से जन्मदिन का केक लेकर पहुंचे। कफील का जन्मदिन एक जनवरी को था। सेना की ओर से मिले इस सरप्राइज से कफील खुशी के मारे झूम उठा। उसने कहा कि उसने कभी सोचा नहीं था कि सैन्य अधिकारी इस तरह से उसको जन्मदिन का तोहफा देंगे। दरअसल, जम्मू कश्मीर के दूरदराज इलाकों में भविष्य काे बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे शहीद सैनिकों, वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, सैनिकों के बच्चों को सेना जन्मदिन पर बधाई देकर उनका हौसला बढ़ा रही है।

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सेना देश की सरहदों की सुरक्षा में योगदान देने वाले जम्मू कश्मीर के निवासियों के बच्चाें को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। सैन्य परिवारों के बच्चों की ख्वाहिश होती है कि वे भी अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए सेना में अधिकारी बने। मिशरदीन के पुत्र कफील, जिसके लिए सैन्य अधिकारी जन्मदिन पर केक लेकर पहुंचे, वह जिले में सेना द्वारा स्थापित किए गए 40 बच्चों की क्षमता वाले द्रोन बॉयज हाेस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है। सेना की ओर से यह होस्टल वर्ष 1998 में बनाया गया था। सेना पूरी कोशिश कर रही है कि जम्मू कश्मीर के दूरदराज इलाकों में काेविड 19 से उपजे हालात में कफील जैसे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

ऐसे में सैन्यकर्मी बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए उनके घरों तक भी पहुंच रहे हैं। सेना की यह मुहिम इस समय प्रदेश के सभी जिलों में चल रही है। जम्मू कश्मीर के दूरदराज इलाकों में बच्चों के लिए शिक्षा के बेहतर साधन उपलब्ध नहीं है। ऐसे मे सेना ने दूरदराज इलाकों में आर्मी गुडविल स्कूल स्थापित किए हैं। इन स्कूलों में अच्छी शिक्षा लेकर सैकड़ों युवा अपने भविष्य को बेहतर बनाने की राह पर हैं। सेना इन स्कूलों में युवाओं को लिखित परीक्षा के आधार पर दाखिला देती है। स्कूल में शिक्षा पूरी करने के बाद सेना की ओर से इन युवाओं को इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रवेश परीक्षा के लिए भी प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। प्रदेश के खासे युवा सेना की मदद से इंजीनियर व डाक्टर बने हैं।


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