Jammu: लोगों की परेशानियां जानने अखनूर पहुंचे उपराज्यपाल, पंच-सरपंचों ने लगा दी सवालों की झड़ी!
बैक-टू-विलेज फेस-1 और फेस-2 में जो काम प्राथमिकता पर लिए गए थे उस पर भी काम शुरू नहीं हुआ है। राहुल ने कहा कि अब बैक-टू-विलेज फेस-3 आ गया है लेकिन पहले वाले दो चरणों का काम पूरा न होने पर वे ग्रामीणों को क्या मुंह दिखाएंगे।
अखनूर, रमन शर्मा: केंद्र सरकार ने बैक-टू-विलेज कार्यक्रम की शुरूआत इस मंशा के साथ की थी कि प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीण व दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनें और उनके तुरंत हल के लिए प्रभावी कदम उठाएं। अफसोस की बात यह है कि हमारे लिए इसमें कुछ नया नहीं है। बैक-टू-विलेज कार्यक्रम के फेस-1 और फेस-2 में हमने अधिकारियों के माध्यम से सरकार के समक्ष बिजली-पानी, सड़कों समेत अन्य कई समस्याएं उजागर की। उसे गंभीरता से लिया गया, कई परियोजनाओं पर चर्चा भी हुई परंतु अफसोस यह है कि इस कार्यक्रम का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है परंतु उनकी परेशानियां आज भी वही हैं।
यह बात ब्लाक भलवाल की चेयरमैन नेहा राजपूत, चौकी चोरा के चेयरमैन राहुल देव शर्मा ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कही। उपराज्यपाल अपने लाव-लश्कर के साथ आज बुधवार को विलेज जन अभियान के तहत अखनूर तहसील के लोगों की परेशानियों को जानने के लिए पंच-सरपंचाें के बीच पहुंचे थे। डीसी जम्मू समेत विभिन्न विभागों के करीब 25 अधिकारियों की टीम उनके साथ वहां मौजूद थी। उपराज्यपाल ने जब वहां मौजूद ब्लाक चेयरमैन, सरपंचों व पंचों से लोगों की परेशानियों के बारे में पूछा तो उन्होंने उपराज्यपाल के समक्ष सवालों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि अभी तक लोगों की पहली समस्याएं हल नहीं हुई हैं, वे नई दिक्कतें या परेशानियां सरकार के समक्ष रखकर क्या करें?
ब्लाक भलवाल की चेयरमैन नेहा राजपूत ने उपराज्यपाल को बताया कि अखनूर में मिनी सचिवालय का निर्माण अभी अधूरा है। 2011 में यह काम शुरू हुआ था लेकिन पूरा नहीं हो पाया। इतना ही नहीं अखनूर में ब्लड बैंक तक नहीं है। मरीजों को जब खून की जरूरत होती है तो उन्हें जम्मू रेफर कर दिया जाता है। अखनूर में ब्लड बैंक बिल्डिंग का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था लेकिन नौ साल से यह काम रूका हुआ है। यह समस्याएं उन्होंने पहले भी उठाई थी, नतीजा कुछ नहीं निकला है।
वहीं चौकी चोरा के चेयरमैन राहुल देव शर्मा ने भी मनरेगा के तहत 2017-18 में जो काम हुए हैं, उसका भुगतान आज तक नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। इसके अलावा उन्होंने ज्यौड़ियां तहसील में अधूरे पड़े सब डिस्ट्रीक अस्पताल के निर्माण कार्य की बात भी उठाई। उन्होंने कहा कि यह निर्माण कार्य 2011-12 से अधूरा पड़ा है। बैक-टू-विलेज फेस-1 और फेस-2 में जो काम प्राथमिकता पर लिए गए थे, उस पर भी काम शुरू नहीं हुआ है। राहुल ने कहा कि अब बैक-टू-विलेज फेस-3 आ गया है लेकिन पहले वाले दो चरणों का काम पूरा न होने पर वे ग्रामीणों को क्या मुंह दिखाएंगे।
सुंगल की सरपंच अंजू शर्मा ने कहा कि हमारे गांव में पंचायत घर तक नहीं है। ऐसे में लोग उन तक कैसे पहुंच पाएंगे। वहीं बलगाड़ा की सरपंच दीपा सिंह ने कहा कि हमारे गांव में भी पंचायत घर नहीं है। मंदिरों में बैठक की जा रही है परंतु अब मंदिर प्रधान भी राजनीतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दे रहे हैं। नायब सरपंच शाम सिंह ने कहा कि पंचायतों के विकास के लिए जो काम निर्धारित किए जा रहे हैं, उन्हें टेंडर प्रक्रिया से बाहर रखा जाना चाहिए।
नेहा शर्मा ने क्षेत्र में पानी की किल्लत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले दो चरणों में उन्होंने यह समस्या उठाई थी। ट्यूबवेल को मंजूरी दी गई परंतु काम आज तक शुरू नहीं किया गया। सरपंच प्रशांत सिंह ने कहा कि विकास की जो भी योजनाएं होती हैं, उन पर काम नहीं हुआ। अधिकतर पंच-सरपंचों को उपराज्यपाल के अखनूर दौरे की जानकारी नहीं दी गई थी। अखनूर के बीडीओ और एसडीएम गोपाल सिंह ने कुछ चुनिंदा पंच-सरपंचों को इस बारे में जानकारी दी थी।
राज्यपाल पर जब पंच-सरपंचों ने सवालों की झड़ी लगाई तो वह भी उनके प्रति जवाबदेह हो गए। वह अधिकारियों द्वारा लगाए गए स्टाल के पास गए और उनसे जवाब मांगा की उनके पास कितनी शिकायतें आई हैं। कुछ अधिकारियों ने कहा कि दो से तीन शिकायतें ही आई हैं। उपराज्यपाल ने अधिकारियों से अधूरे कामों की रिपोर्ट जल्द उनके समक्ष पस्तुत करने को कहा।
राज्यपाल ने अधिकारियों को लोगों को डोमिसाइल, इंकम सर्टिफिकेट, राशन कार्ड शीघ्र आवंटित करने के निर्देश दिए। ज्यादातर पंचों सरपंचों ने राज्यपाल के समक्ष अपने क्षेत्रों की सड़कें बनाने, बिजली-पानी की सप्लाई व्यवस्था को दुरूस्त करने की बात कही। दरिया चिनाब पर बनने वाला इंद्री पत्तन पुल के निर्माण, जम्मू-अखनूर रेलवे परियोजना पर भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हां का ध्यान आकर्षित किया गया। हालांकि इस पर उपराज्यपाल ने कहा कि ये बड़ी परियोजनाएं हैं, इसका जिक्र स्टेट प्लान में किया जाएगा। फिलहाल उन्होंने लोगों से जुड़ी समस्याओं को शीघ्र हल करने का विश्वास दिलाया।