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Baba Amarnath Yatra 2020: लंगर आयोजकों ने फिर दी अमरनाथ यात्रा रद करने की सलाह

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा के दौरान रूकावट पैदा करने वाले आइएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 01:55 PM (IST)
Baba Amarnath Yatra 2020: लंगर आयोजकों ने फिर दी अमरनाथ यात्रा रद करने की सलाह
Baba Amarnath Yatra 2020: लंगर आयोजकों ने फिर दी अमरनाथ यात्रा रद करने की सलाह

जम्मू, राज्य ब्यूरो। देश के दूसरे राज्यों समेत जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद करने की सलाह दी है। 42 दिन की यह यात्रा 23 जून को पहलगाम और बालटाल मार्ग से शुरू होनी है। लेकिन श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुखिया उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने कहा है कि इस संबंध में काेविड 19 को देखते हुए हालातों की समीक्षा की जाएगी और उपयुक्त फैसला लिया जाएगा। हालांकि अब यह भी कहा जा रहा है कि यात्रा पंद्रह दिनों की होगी।

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श्रद्धालुओं के हित में होगा यात्रा रद करने का फैसला: लंगर आर्गेनाइजेशन ने कहा है कि यात्रा इस साल नहीं करवाना श्रद्धालुओं के हित में भी है। आर्गेनाइजेशन सामुदायिक लंगर लगाने को तैयार है जैसा कि बोर्ड इसके लिए कोई स्थान चिन्हित करती है। लेकिन यह अभी श्राइन बोर्ड के फैसले पर निर्भर करेगा कि कोरोना संकट के बीच यात्रा संभव हो पाएगी। लंगर आर्गेनाइजेशन ने सलाह दी है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए न तो श्रद्धालुओं के लिए और न ही प्रशासन के लिए यात्रा करवाना सही है। इसमें पुलिस, सुरक्षाबल, श्रमिकों, घोड़ेवालों, सामान ढोने वालों और दुकानदारों का एक जगह इकट्ठा होना नि:संदेह कोविड के कारण सही नहीं है। इसीलिए यात्रा इस बार आयोजित नहीं होनी चाहिए। 

प्रथम पूजा में रूकावट डालने वाले आइएएस अधिकारी पर होगी कार्रवाईः जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा के दौरान रूकावट पैदा करने वाले आइएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्सनल और ट्रेनिंग विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा है। श्रभ् अमरनाथ श्राइन बोर्ड अधिकारियों की उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के साथ शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है। उपराज्यपाल ने अधिकारी के व्यवहार को गंभीरता से लिया है। प्रथम पूजा एक पारंपारिक विधि विद्वान है जिसके बाद ही वार्षिक यात्रा पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान करती है। यह यात्रा लगभग दो महीने की होती है। अलबत्ता इस वर्ष यात्रा की अवधि पंद्रह दिन की हो सकती है और यात्रा 21 जुलाई संभवता शुरू होगी।


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