Move to Jagran APP

भारतीय सेना ने जंस्कार रेंज में हिमाचल प्रदेश की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट लियो प्रग्याल पर लहराया तिरंगा

इस चोटी की ऊंचाई 6761 मीटर है। इसको फतह करने और इस पर तिरंगा फहराने के लिए 24 मई 2022 को 17 गढ़वाल राइफल्स के पर्वतारोही दल को छह कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पिंदर कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 09:01 PM (IST)
भारतीय सेना ने जंस्कार रेंज में हिमाचल प्रदेश की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट लियो प्रग्याल पर लहराया तिरंगा
हिमाचल के योल कैंट पहुंचे पर्वतारोही दल का सैन्य अधिकारियों ने गर्मजोशी से फ्लेग-इन करके स्वागत किया।

रामगढ़, संवाद सहयोगी : भारतीय सेना की 17 गढ़वाल राइफल्स के पर्वतारोही दल ने जंस्कार रेंज में स्थित हिमाचल प्रदेश की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट लियो प्रग्याल पर तिरंगा फहरा कर भारतीय सेना का गौरव बढ़ाया। इस चोटी की ऊंचाई 6761 मीटर है। इसको फतह करने और इस पर तिरंगा फहराने के लिए 24 मई, 2022 को 17 गढ़वाल राइफल्स के पर्वतारोही दल को छह कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पिंदर कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

loksabha election banner

जंस्कार रेंज चोटी के शिखर तक पहुंचने के लिए पवर्तारोही दल जवानों को खराब मौसम और कठिन परिस्थितियाें आदि का सामना करना पड़ा। लेकिन पर्वतारोही दल ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए हिमाचल प्रदेश की इस तीसरी सबसे बड़ी चोटी के शिखर पर पहुंच कर तिरंगे को शान से फहराया। जंस्कार रेंज चोटी पर विजय करने के बाद वापस अपने शिविर हिमाचल के योल कैंट पहुंचे पर्वतारोही दल का सैन्य अधिकारियों ने गर्मजोशी से फ्लेग-इन करके स्वागत किया।

पश्चिमी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी एवीएस, एमवी, एसएम ने जवानों की बहादुरी व उनकी इस कामयाबी पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर क्षेत्र में अपनी काबलियत के झंडे गाड़ने में सक्षम है। परस्थितियां कैसी भी हों, हमारे जवान हर स्थिति का सामना करके कामयाबी को अर्जित करना जानते हैं। उन्होंने पर्वतारोही दल के सभी जवानों के इस हौंसले व जज्बे को सैल्यूट भी किया। बता दें कि भारतीय सेना के पर्वतारोही दल के ऊंची चोटियों पर भी किसी भी तरह की परिस्थिति से जूझने के लिए अभ्यस्त होते हैं। उन्हें इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.