Jammu Kashmir : लोकसभा में सिर्फ सांसदों की जानकारी के लिए पेश की जाएगी परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट
यह परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर हुआ है। परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात विधानसभा सीटें बढ़ाने के अलावा अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटें भी आरक्षित की हैं। बढ़ाई की सात सीटों में छह जम्मू में और एक कश्मीर संभाग में हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किया जाएगा। जम्मू कश्मीर विधानसभा का गठन होने पर उसके पटल पर भी इसे रखा जाएगा।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में गठित जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग के अंतिम फैसले अथवा परिसीमन रिपोर्ट को लोकसभा में सिर्फ सांसदों की जानकारी के लिए पेश किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह का संशोधन ससंद नहीं कर सकेगी। उन्होंने बताया कि परिसीमन अधिनियम-2002 के मुताबिक, परिसीमन आयोग द्वारा जारी प्रत्येक आदेश को संसद और संबंधित राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में पेश किया जाएगा।
भारतीय निर्वाचन आयोग पहले ही कह चुका है कि केंद्र सरकार उस तिथि को तय करे जिस तिथि से परिसीमन आयोग का आदेश प्रभावी होगा। उसके बाद ही वह संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर मतदान केंद्रों का युक्तिकरण करते हुए मतदाता सूचियों के संशोधन की प्रक्रिया शुरू करेगा। परिसीमन आयेाग की अंतिम रिपोर्ट को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रविधानों के तहत छह मार्च 2020 को जम्मू कश्मीर में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया था। परिसीमन आयोग ने इसी माह के पहले सप्ताह में अपनी अंतिम रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है।
यह परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर हुआ है। परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात विधानसभा सीटें बढ़ाने के अलावा अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटें भी आरक्षित की हैं। बढ़ाई की सात सीटों में छह जम्मू में और एक कश्मीर संभाग में हैं। जम्मू कश्मीर में अब विधानसभा सीटों की संख्या 90 हो गई है।