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कश्मीर की आतंकवाद के हालात को दर्शाती फिल्में बहुत बनी अब खूबसूरती दर्शाती फिल्मेें बने

जम्मू कश्मीर के हालात को दर्शाती फिल्में आतंकवाद के दौर में बहुत बनी, लेकिन जरूरत इस बात की है कि राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती फिल्में बनें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 09:36 AM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 02:01 PM (IST)
कश्मीर की आतंकवाद के हालात को दर्शाती फिल्में बहुत बनी अब खूबसूरती दर्शाती फिल्मेें बने
कश्मीर की आतंकवाद के हालात को दर्शाती फिल्में बहुत बनी अब खूबसूरती दर्शाती फिल्मेें बने

जागरण संवाददाता, जम्मू । जम्मू कश्मीर के हालात को दर्शाती फिल्में आतंकवाद के दौर में बहुत बनी, लेकिन जरूरत इस बात की है कि राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती फिल्में बनें। जम्मू-कश्मीर में शूटिंग के लिए जगह की कोई कमी नहीं है। हर तरह की शूटिंग यहां संभव है। बॉलीवुड राज्य में आना भी चाहता है। लेकिन इसके लिए स्थानीय लोगों का सहयोग अति आवश्यक है। ये बातें टैलेंट मेकर अकेडमी के प्रमोशन के लिए जम्मू आए फिल्म आशिकी के नायक राहुल राय ने कहीं।

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जम्मू में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में अभिनेता राहुल राय ने कहा कि फिल्मों में बहुत से युवा जाना चाहते हैं। हर वर्ष हजारों युवा भाग्य आजमाने मुंबई जाते हैं। जल्द ही निराश हो कर लौट आते हैं। उनकी प्रतिभा में कोई कमी नहीं।, लेकिन वह बिना किसी प्रशिक्षण के ही मुंबई चले जाते हैं। अगर यह लोग प्रशिक्षण लेकर मुंबई आएं। और करीब दो वर्ष तक वहां रुक सकें तो ही उनके लिए मुंबई जाने का फायदा है। प्रतिभा की कहीं कोई कमी नहीं है। सिर्फ सही दिशा निर्देश जरूरी है। राजेश की टैलेंट मे¨कग अकेडमी में कलाकारों को अभिनय तो सिखाया ही जाएगा और साथ ही कैमरा कैसे फेस किया जाता है, के अलावा कई महत्वपूर्ण जानकारियां युवाओं को समय-समय पर दी जाएंगी। उन्हें बताया जाएगा कि कहां आडिशन हो रहा है। कैसे आडिशन में शामिल होना है। इस मौके पर अभिनेता ने टैलेंट मेकर अकेडमी के एमडी राजेश के साथ प्रास्पेक्टस भी जारी किया। इस मौके पर सरकार को आडे़ हाथों लेते हुए राहुल राय ने कहा कि दूसरे संस्थानों का तो विकास हुआ है, लेकिन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के जितने केंद्र होने चाहिए नहीं बन पाए हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। जितने ज्यादा संस्थान होंगे उतने अधिक युवा आगे आएंगे।

फिल्म आशिकी के अभिनेता राहुल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई प्रोफेशनल लोगों को ही मौका देना पसंद करता है। दूरदर्शन एक ऐसा संस्थान था, यहां बहुत ज्यादा संभावनाएं थी, लेकिन इस ओर भी सरकार का ध्यान नहीं है। आज दूरदर्शन केंद्र चंद लोगों के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं। युवाओं को मौके देने है और दूरदर्शन की लोकप्रियता के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक कार्यक्रमों का प्रसारण हो। कला, साहित्य, संगीत, लोक संस्कृति से जुडे़ लोगों को मौके मिलें। राहुल राय ने अपनी आने वाली कुछ फिल्मों का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि दर्शकों को यह पसंद आएंगी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जम्मू-कश्मीर में शूटिंग का मौका मिला तो वह यहां आकर काम करना चाहेंगे। 


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