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जम्मू कश्मीर में RT-PCR टेस्ट के दाम 400 रुपये लेकिन फिर भी नहीं हो रहे हैं टेस्ट, यह है इसकी वजह

दरअसल कोरोना टेस्ट की महंगी जांच को लेकर लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने हाल में प्रति टेस्ट के दाम 400 रुपये तय कर दिए हैं। निजी लैब ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए पहले तो 4500 रुपये और फिर 1600 से दो हजार रुपये लेकर खूब चांदी काटी।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 10:45 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 10:45 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में RT-PCR टेस्ट के दाम 400 रुपये लेकिन फिर भी नहीं हो रहे हैं टेस्ट, यह है इसकी वजह
कई निजी कंपनियां तो करोड़ों के लाभ के चक्कर में सैंपल लेकर दिल्ली और पुणे तक भेजती थीं।

जम्मू, रोहित जंडियाल : '...जी नहीं, हमारी लैब में कोरोना की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं हो रहा'। जम्मू की अधिकतर निजी लैब में इन दिनों जांच के लिए पहुंच रहे कोरोना मरीजों को यही जवाब सुनने को मिल रहा है।

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दरअसल, कोरोना टेस्ट की महंगी जांच को लेकर लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने हाल में प्रति टेस्ट के दाम 400 रुपये तय कर दिए हैं। निजी लैब वालों ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए पहले तो 4500 रुपये और फिर 1600 से दो हजार रुपये लेकर खूब चांदी काटी, लेकिन अब हाथ पीछे खींच लिए हैं।

शहर की अधिकतर लैब में इन दिनों आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं किए जा रहे। इससे जहां मरीजों की परेशानी कम होने के बजाए बढ़ गई है, वहीं टेस्ट के लिए सरकारी अस्पतालों में भी लोड बढ़ गया है। यह हाल केवल जम्मू में ही नहीं, श्रीनगर में भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति है।जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण की पहली लहर आने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट के दाम 4500 रुपये थे। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने यह दाम तय किए थे।

जैसे-जैसे टेस्ट के दाम कम होते गए निजी लैब ने इन टेस्टों में रुचि दिखाना ही बंद कर दी

पहले तो टेस्ट सिर्फ सरकारी लैब में हो रहे थे। जब कुछ निजी लैब को इसकी मान्यता मिली तो सभी ने धड़ल्ले के साथ जम्मू कश्मीर में टेस्ट किए। कई निजी कंपनियां तो करोड़ों के लाभ के चक्कर में सैंपल लेकर दिल्ली और पुणे तक भेजती थीं। बाद में नेशनल हेल्थ मिशन ने इस टेस्ट के लिए टेंडर किए। इसके बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट का दाम पहले साढ़े तीन हजार, फिर तीन हजार, फिर 2200, 1600 तक आ पहुंचा। जैसे-जैसे टेस्ट के दाम कम होते गए निजी लैब ने इन टेस्टों में रुचि दिखाना ही बंद कर दी।

कुछ दिन पहले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने टेस्ट के दाम चार गुणा और कम कर 400 रुपये कर दिए। अब तो अधिकांश लैब ने टेस्ट करना बंद कर दिए। स्थानीय निवासी अमित शर्मा, मीना कुमार और राजेंद्र कुमार ने बताया कि जब वे निजी लैब में टेस्ट करवाने गए तो उन्होंने कहा कि वे अब यह टेस्ट नहीं करते। सरकार की ओर से जीएमसी, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, गल्र्स हाई स्कूल गांधीनगर, साइकेट्रिस्ट अस्पताल आदि में कोरोना जांच जारी है।

सरकार ने इनके दाम भी किए हैं कम 

सरकार ने पिछले दिनों एचआर सिटी स्कैन के दाम भी कम किए थे।निजी लैब वाले पहले इस स्कैन के लिए चार से साढ़े चार हजार रुपये लेते थे। बाद में इसका दाम डेढ़ से तीन हजार रुपये तय किया गया था। यही नहीं, बायो मार्कर टेस्ट के लिए भी पहले मनमाने दाम वसूले जा रहे थे। सरकार ने कमेटी गठित कर इसके दाम भी निर्धारित किए थे। अभी इसका अधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन सरकार द्वारा गठित कमेटी ने बायो मार्कर टेस्ट के रेट 3100 रुपये निर्धारित करने की सिफारिश की है। बाजार में टेस्ट के छह से आठ हजार लिए जाते थे। 


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