किसानों से बातचीत के लिए सरकार आगे भी तैयार : करंदलाजे
एफसीआइ द्वारा उन किसानों के भुगतान से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा जिनके पास भूमि का मालिकाना अधिकार के दस्तावेज नहीं है।
जागरण संवाददाता, जम्मू: कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार 11 बार बातचीत कर चुकी है और आगे भी बात करने के लिए तैयार है। यह बात केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डा. शोभा करंदलाजे ने मंगलवार को कठुआ में कही है। वह केंद्र सरकार के जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत यहां लोगों की समस्याओं, विकास की योजनाओं और जनआकांक्षाओं को जानने पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि एफसीआइ द्वारा उन किसानों के भुगतान से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिनके पास भूमि का मालिकाना अधिकार के दस्तावेज नहीं है।
भाजपा कार्यालय में 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जबसे सरकार बनी है, तभी से किसानों की प्रत्येक समस्याओं के समाधान को लेकर प्राथमिकता दिखाई जा रही है। ऐसा नहीं है कि उनकी पार्टी की सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है, अगर ऐसा होता तो आज देश में कृषि बजट 23 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 31 हजार करोड़ नहीं होता। यूपीए सरकार में कृषि बजट 13 हजार करोड़ का था। इसी से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार किसानों को लेकर कितनी गंभीर है। किसान सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड, किसान निधि सम्मान निधि सहित कई योजनाओं का आज लाभ ले रहे हैं। आज डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसा दिया जा रहा है। ऐसे में किसान अपनी उपज को पैदा करने के साथ-साथ उसकी मार्केटिग भी कर रहे है। कश्मीर के हालात बिगाड़ने में पाकिस्तान की साजिश
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कठुआ के दो दिवसीय दौरे के दौरान अलग-अलग कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर में माहौल शांति एवं सामान्य होने के साथ विकास तेजी से हो रहा है। मौजूदा समय में कश्मीर में जो हालात बने हैं, वह सब पाकिस्तान की साजिश है। फिर भी हम चुप नहीं बैठेंगे, इसका मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।