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जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिकता का भूत अभी भी नौकरशाहों पर सवार, पुलिस भर्ती में मांगा स्टेट सब्जेक्ट

वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों एक्शन कमेटी के प्रधान लब्बा राम गांधी का कहना है कि धारा 370 का भूत नौकरशाहों में इस कद्र हावी होने से रिफ्यूजियी युवाओं को न्याय नही मिल पा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 01:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिकता का भूत अभी भी नौकरशाहों पर सवार, पुलिस भर्ती में मांगा स्टेट सब्जेक्ट
जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिकता का भूत अभी भी नौकरशाहों पर सवार, पुलिस भर्ती में मांगा स्टेट सब्जेक्ट

जम्मू, अवधेश चौहान। जम्मू कश्मीर में बेशक धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को खत्म कर दिया गया है, लेकिन धारा का भूत नौकरशाहों का अभी भी पीछा कर रहा है। अालम यह है कि पश्चिम पाकिस्तान के रिफ्यूजी जिन्हें जम्मू कश्मीर की स्थायी नागरिकता का 72 वर्ष बाद अधिकार तो मिल गया लेकिन राज्य प्रशासन जिसने हाल ही में दो बटालियन जम्मू और दो बटालियन कश्मीर के गठन के लिए आवेदन तो मांग लिए, लेकिन आवेदनकर्ताओं से स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र अनिवार्य किए जाने से पश्चिमी पाकिस्तान के करीब 5 हजार रिफ्यूजी युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

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धारा 370 को खत्म करने का मकसद जम्मू के लोगों से भेदभाव को दूर करना था। लेकिन स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र भर्ती के लिए मांग कर एक बार फिर से राज्य को 72 साल पहले जैसी स्थिति में पहुंचा दिया है। पुलिस प्रशासन की ओर से जम्मू कश्मीर में एक महिला पुलिस बटालियन और एक बार्डर पुलिस बटालियन के लिए 22 सितंबर को बार्डर के युवाओं से आवेदन मांगे गए। जिसकी अंतिम तारीख 22 अक्टूबर रखी गई। जम्मू के बार्डर एरिया में रहने वाले युवाओं को मलाल है कि जम्मू कश्मीर जब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है तो स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र यानि स्टेट सब्जेक्ट की कोई तुक नही बनती। जबकि इन युवाओं के पास डोमिसाइल, आधार कार्ड और शैक्षिक योग्यता जैसे सभी प्रामण पत्र है।

रिफ्यूजी युवाओं से मांगा जा रहा स्टेट सब्जेक्ट

वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों एक्शन कमेटी के प्रधान लब्बा राम गांधी का कहना है कि धारा 370 का भूत नौकरशाहों में इस कद्र हावी होने से रिफ्यूजियी युवाओं को न्याय नही मिल पा रहा है। दरअसल सरकार ने 31 अक्टूबर के बाद ही जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की औपचारिकता करनी है। इससे पहले सरकार ने दो पुलिस बटालियनों के गठन की घोषणा तो कर दी। लेकिन जिस बार्डर की रक्षा के लिए बनने वाली बटालियनों के लिए बार्डर के युवाओं को ही आवेदन करने से वंचित कर दिया। जब देश की सर्वोच्च संसद में धारा 370 को समाप्त कर दिया तो स्टेट सब्जेक्ट का कोई औचित्य नही रह जाता।

सीमा पर रहने वाले युवा ही नौकरियों के लिए फिट

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रिटार्यड ब्रिग्रेडियर अनिल गुप्ता ने वेस्ट पाकिस्तान के रिफ्यूजियों के प्रतिसहानुभूति प्रकट की। उन्होंने अफसोस जताया कि जम्मू के बार्डर बेल्ट सांबा, कठुआ आरएसपुरा में ही सबसे ज्यादा युवा है जो इन नाैकरियों के लिए पूरी तहर से फिट है। गुप्ता का कहना है कि युवाओं से अन्याय किसी हाल में नही होगा। वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी देश का हिस्सा है। उन्होंने 72 सालों में काफी दुख दर्द सहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह पुलिस निदेशक से मामले को उठाएंगे ताक इस जम्मू कश्मीर के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल सकें।

जम्मू कश्मीर वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के प्रधान लब्बा राम गांधी ने चेतावनी दी है कि अगर बार्डर के युवाओं से कोई छल हुआ तो वे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि भर्ती से पहले आावेदन में रखी गई स्टेट सब्जेक्ट की शर्त को वापिस लें।


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