Ladakh : लेह के थारचिन ने नेपाल की मनासलू चोटी पर फहराया तिरंगा, विश्व की आठवीं सबसे ऊंची चोटी है मनासलू
Manaslu Peak Of Nepal थारचिन ने 26781 फीट की विश्व की आठवीं सबसे ऊंची मनासलू चोटी पर गत बुधवार तेज बर्फीली हवाओं के बीच चढ़ाई की। उन्होंने सुबह छह बजे तिरंगा और लेह हिल काउंसिल का झंडा फहराया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लेह के तिया गांव के युवा जिगमित थारचिन ने आक्सीजन सिलेंडर का सहारा लिए बिना नेपाल की मनासलू चोटी पर चढ़ाई कर लद्दाख का नाम रोशन कर दिया है। हिमालय की इस चोटी पर चढऩे का उन्होंने यह लक्ष्य बिना तैयारी किए पांच दिन में हासिल किया है। इससे पहले उन्होंने गत वर्ष विश्व की माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
थारचिन ने 26,781 फीट की विश्व की आठवीं सबसे ऊंची मनासलू चोटी पर गत बुधवार तेज बर्फीली हवाओं के बीच चढ़ाई की। उन्होंने सुबह छह बजे तिरंगा और लेह हिल काउंसिल का झंडा फहराया। वह पांच दिन में लक्ष्य पूरा कर मनासलू बेस कैंप लौट आए। यह उपलब्धि हासिल करने में उन्हें नेपाल के गाइड शेरपा लापका नुरबू ने सहयोग दिया।
थारचिन ने बताया कि नेपाल में बेस कैंप पहुंचने के बाद वहां के मौसम के लिए खुद को तैयार किए बिना उन्होंने चढ़ाई शुरू कर दी थी। इस बार वह अपने प्रदर्शन से बहुत उत्साहित हैं।उन्हें लेह प्रशासन ने भी बधाई दी। पिछले साल एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पहले उन्होंने वहां करीब डेढ़ महीने तक तैयारी की थी। इस बार सब कुछ पांच दिन में हुआ। यह विश्व रिकार्ड हो सकता है। थारचिन का कहना है कि उन्हें पर्वतारोहण के अपने अभियान के दौरान लेह हिल काउंसिल की ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
लेह पहुंचने पर होगा स्वागत : इस समय थारचिन नेपाल में हैं। उनकी नई उपलब्धि को लेकर लद्दाख में बहुत उत्साह है। लेह पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन ने उन्हें बधाई दी है। थारचिन लद्दाख के युवाओं में एवरेस्ट और विश्व की अन्य चोटियों पर चढऩे की प्रेरणा जगा रहे हैं। थारचिन का कहना है कि लद्दाख के युवा शारीरिक रूप से बहुत मजबूत हैं। लद्दाख के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।