J&K : सुरक्षा बलों के दबाव में भागकर बटोत पहुंचे थे आतंकी
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले के बटोत में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीनों आतंकी किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते भागकर वहां पहुंचे थे।
किश्तवाड़, संवाद सहयोगी : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले के बटोत में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीनों आतंकी किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते भागकर वहां पहुंचे थे। ये आतंकी कई महीनों से जंगलों में छिप-छिपकर भागते फिर रहे थे। आखिर नौ घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। सुरक्षा बलों की यह बड़ी कामयाबी है। ये तीनों आतंकी किश्तवाड़ में राइफलें छीनने से लेकर सियासी नेताओं की हत्या करने समेत कई मामलों में संलिप्त रहे थे।
बटोत में मारे गए हिजबुल के तीनों आतंकी किश्तवाड़ में पिछले 11 महीने से अधिक सक्रिय थे। इस दौरान इन आतंकियों ने किश्तवाड़ शहर में चार बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। इनमें भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उसके बड़े भाई अजीत परिहार की हत्या भी शामिल है। इस वारदात के बाद इन आतंकियों ने किश्तवाड़ के डीसी के अंगरक्षक की एके47 राइफल और 90 गोलियां छीन ली थी। इसके बाद फरार हो गए थे। इस वारदात के डेढ़ महीने के बाद ही आरएसएस नेता व मेडिकल असिस्टेंट चंद्रकांत शर्मा और उनके अंगरक्षक राजेंद्र सिंह की दिनदहाड़े जिला अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। अंगरक्षक का हथियार भी ले गए थे। अभी हाल ही में 13 सितंबर को पीडीपी नेता शेख नासिर हुसैन के घर में यही आतंकवादी घुसे और नासिर के परिवार को पूरी रात बंधक बनाकर रखा। सुबह उनके अंगरक्षक की राइफल लेकर फरार हो गए।
सियासी नेताओं समेत कई वारदातों में शामिल रहे थे हिजबुल के मारे गए तीनों आतंकी
इन वारदातों के बाद से ही सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समेत खुफिया एजेंसियां भी किश्तवाड़ जिले में सक्रिय हो गईं। यहां तक कि एनआइए ने भी डेरा डाल लिया। किश्तवाड़ शहर के अंदर समेत क्षेत्र के जंगलों में भी सर्च ऑपरेशन चलाए। सौ से अधिक लोगों को पकड़कर पूछताछ की गई। साथ ही छह लोगों पर चंद्रकांत शर्मा और परिहार बंधुओं की हत्या में पूरी तरह से शामिल होने पर मामला दर्ज किया गया। इनमें एजाज हुसैन, नौशाद अहमद, नासिर शेख को हत्या में शामिल पाया गया। इसके बाद आइजी जम्मू ने प्रेस वार्ता कर इस बात को सार्वजनिक किया। प्रेस कान्फ्रेंस के दो दिन बाद तारिक गिरि को भी इसमें संलिप्त शामिल पाया गया। इसी शनिवार को पुलिस ने शब्बीर गिरि और रफी बट को भी इन हत्याओं में शामिल पाया गया। चार दिन की रिमांड पर लिया गया।
फिलहाल चार आतंकी ही बचे
सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण यह तीनों आतंकवादी किश्तवाड़ से भागने में सफल हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह आतंकवादी बक्करवाल समुदाय के सहारे छिपते छिपाते बटोत इलाके में पहुंचे थे, जहां वह सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। अब किश्तवाड़ में अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी, हारुण वानी, रियाज अहमद और नावेद शाह ही बचे हैं।