कश्मीर के कुछ ट्रांसपोर्टर व्यापार की आड़ में घाटी पहुंचाए जा रहे आतंकी
सितंबर 2018 में भी आतंकवादियों ने इसी तरह सांबा सेक्टर से घुसपैठ की थी। दक्षिण कश्मीर के ट्रांसपोर्टर के ट्रक में सवार तीन आतंकी हथियार-गोला बारूद सहित कश्मीर जाने की फिराक में थे।
जम्मू, अवधेश चौहान। कश्मीर के कुछ ट्रांसपोर्टर व्यापार की आड़ में आतंकवादियों को घाटी तक पहुंचा रहे हैं। ये ट्रांसपोर्टर आतंकियों और आतंकी संगठनों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर की तरह काम कर रहे हैं। यहां तक कि कश्मीर के कुछ ट्रासपोर्टरों और आइएसआइ के बीच नेटवर्क पिछले तीन साल से काम कर रहा है।
नगरोटा में ट्रक में छिपाकर कश्मीर ले जाए जा रहे तीन आतंकी इसी का हिस्सा थे, जिन्हें सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आतंकवादियों को घुसपैठ के बाद उन्हें ओवरग्राउंड वर्करों द्वारा कश्मीर में पहुंचाने की यह पहली घटना नहीं है। पिछले तीन वर्ष में जम्मू और उसके आसपास हुईं आतंकी घटनाओं को देखा जाए तो यह बात साफ है कि यह आतंकवादी सीमा पार पाकिस्तान से घुसपैठ करने के बाद कश्मीर जाने का प्रयास करते हैं। इसमें कश्मीर के कुछ ट्रांसपोर्टरों की संलिप्तता भी सामने आई है। यह आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्करों की तरह काम कर रहे हैं। सितंबर 2018 में भी आतंकवादियों ने कुछ इसी तरह सांबा सेक्टर से घुसपैठ की थी। यह आतंकवादी भी जम्मू पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के सांबा इलाके से दक्षिण कश्मीर के ट्रांसपोर्टर के ट्रक में सवार हुए थे।
इस ट्रक में भी जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकी हथियार और गोला बारूद सहित सवार हुए थे। ट्रक में वॉल पुट्टी लदी हुई थी। ट्रक के बाईं ओर बनी खिड़की के पास आतंकवादियों के छिपने के लिए बोरियों की आड़ में केबिन बनाया गया था।
कश्मीर के व्यापारियों का आइएसआइ से जुड़ा नेटवर्क
जम्मू की अतंरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करवाने के बाद उन्हें कश्मीर भेजने में कश्मीर के कुछ व्यापारी और आइएसआइ के बीच बड़ा नेटवर्क सामने पिछले तीन सालों में सामने आया है। 14 सितंबर 2019 में लखनपुर में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को भारी मात्र में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था। ये आतंकी ट्रक पर सवार होकर पंजाब से श्रीनगर जा रहे थे। हथियारों की खेप को ट्रक में गत्ते के डिब्बों के बीच छिपा गया था इसीलिए आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला नहीं कर पाए थे। वे ये हथियार हरियाणा से ला रहे थे। हथियार इन्हें अवंतीपोरा, पुलवामा में एक जगह विशेष पर पहुंचाने थे।