PoK Ruby Mines: अब गुलाम कश्मीर के बेशकीमती खजाने को लूटने में जुटी पाकिस्तानी सेना
गुलाम कश्मीर में अरबों रुपये मूल्य का रुबी दबा हुआ है। सिर्फ चिट्टा काठा इलाके में ही करीब 450 किलो रुबी होने का अनुमान लगाया गया है।
श्रीनगर, नवीन नवाज। गुलाम कश्मीर के जलससांधनों और वन्य संपदा को तबाह करने के बाद पाकिस्तान की नजर अब कीमती पत्थर रूबी की खदानाें पर है। कश्मीर के इस बेशकीमती खजाने का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना कश्मीर के लोगों को हिंसा की आग में झोंकने के लिए कर रही है। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने इन खदानों से स्थानीय लोगों को खदेड़कर चीन के साथ मिलकर इन पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। विरोध के स्वरों को दबाने के लिए आतंकी संगठनाें के स्थानीय कमांडरों को खनन का ठेका दिया जा रहा है।
गुलाम कशमीर में नीलम घाटी के ऊपरी हिस्सों के अलावा नांगीमाली और चिट्टा काठा इलाके में कीमती पत्थर रूबी की खदाने हैं। एक अनुमान के मुताबिक गुलाम कश्मीर में अरबों रुपये मूल्य का यह खजाना दबा है। सिर्फ चिट्टा काठा इलाके में ही करीब 450 किलो रूबी का अनुमान है। गुलाम कश्मीर से लौटे इमरान मीर नामक एक कश्मीरी युवक ने बताया कि इन खदानों से गुलाम कश्मीर के लोगों को इस जमीन से खदेड़ा जा रहा है। गुलाम कश्मीर में खनन को नियोजित करने के लिए बनाए गए निगम को भी किनारे लगा दिया गया है। इस बेशकीमती खजाने पर पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का ही कब्जा है। उसने बताया कि इन खदानों में करीब छह माह तक ही खनन हो सकता है।
यह क्षेत्र एलओसी के नजदीक होने का हवाला देकर पाकिस्तानी सेना स्थानीय नागरिकों को काम नहीं करने दे रही। पाकिस्तानी सेना ने करीब छह माह पहले चीन से कुुछ लोगों को बुलाया था। उन्हाेंने इन खदानों का मुआयना किया और उसके बाद से पाकिस्तानी सेना इन खदानों पर कब्जों की साजिश में जुट गई। चीन की एक कंपनी भी कथित तौर पर इस काम में लगी है।
विरोध करने वाले लोग ही करवा दिए गए गायब: पाकिस्तानी सेना के इस कदम के खिलाफ नीलम, शारदा, केल व मुजफ्फराबाद में लगातार प्रदर्शन होते रहे। बताया जाता है कि प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले कुछ लोग रहस्यमय परिस्थितियों में गायब ही करवा दिए गए। विरोध को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने गुलाम कश्मीर स्थित कुछ स्थानीय आतंकी कमांडरों व उनसे जुड़े लोगों को रूबी के खनन का ठेका दिया है। इन्हें आगे कर पाकिस्तानी सेना यह साबित करने में जुटी है कि गुलाम कश्मीर के लोग ही रूबी निकाल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आतंकी संगठन रूबी की कमाई का इस्तेमाल अपने कैडर के लिए हथियार व अन्य साजोसामान खरीदने के लिए कर रहे हैं।
घुसपैठ करने वाले आतंकी करते हैं तस्करी: पूर्व आतंकी कमांडर जफर ने रूबी के खनन और आतंकी गठजोड़ से पर्दा हटाया है। उसने कबूला कि यह नई बात नहीं है कि पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन मिलकर कश्मीर के इस खजाने का दोहन कर रहे हैं। उसेन बताया कि करीब 10 साल पहले गुलाम कश्मीर से हमारे कुछ साथी घुसपैठ करने के बाद घाटी पहुंचे थे तो उनके पास नकदी के बजाय कीमती पत्थर थे। उन्हें यह पत्थर कश्मीर में कुछ खास लोगों तक पहुंचाने को कहा गया था और बदले में भारतीय करंसी प्राप्त करने के लिए कहा गया था।