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किश्तवाड़ में युवाओं को आतंक की राह पर धकेल रहा लश्कर

कुछ दिन पहले आतंकवाद में शामिल होने वाले डोडा के युवक को कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान जिंदा पकड़ा था। सलीम के आतंकी बनने के साथ किश्तवाड़ जिले में अब चार सक्रिय आतंकवादी हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:48 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:48 AM (IST)
किश्तवाड़ में युवाओं को आतंक की राह पर धकेल रहा लश्कर
किश्तवाड़ में युवाओं को आतंक की राह पर धकेल रहा लश्कर

बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़ : जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में आतंकी संगठन फिर से युवाओं को गुमराह करने की साजिशों में जुटे हैं। जिले के केशवान का एक युवक गुमराह होकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया है। मौजूदा समय में वह कश्मीर के शोपियां क्षेत्र में सक्रिय है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों सतर्क हो गई हैं। सलीम गत माह केशवान से लापता हो गया था। परिवार की ओर से 17 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सलीम के पिता लाल दीन भी आतंकी थे और वर्ष 2008 में मुठभेड़ में मारे गए थे। उस समय सलीम करीब छह साल का था। एसएसपी किश्तवाड़ डॉ हरमीत सिंह मेहता ने भी इसकी पुष्टि की है।

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पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सलीम का चाचा स्वर्गीय मोहम्मद यूसुफ इस्माइल भी आतंकवादी था। सलीम बूढ़े दादा के साथ रह रहा था। उसकी मां ने 10 साल पहले रामबन में दूसरी शादी कर ली थी। पुलिस और एजेंसियां सलीम के आतकी बनने के संभावित पहलुओं पर गौर कर रही है कि वह कैसे शोपिया पहुंचा, आतंकी बनने में संपर्क किससे हुआ व भर्ती किसने किया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आतंकवाद में शामिल होने वाले डोडा के युवक को कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान जिंदा पकड़ा था। सलीम के आतंकी बनने के साथ किश्तवाड़ जिले में अब चार सक्रिय आतंकवादी हो गए हैं। इनमें हिज्ब कमाडर अमीन बट उर्फ जहांगीर सरूरी, रियाज अहमद और मुदस्सर शामिल हैं। दो अन्य तालिब हुसैन और तारिक हुसैन भी काफी समय से लापता हैं। दावे किए जा रहें कि वे भी आतंकी बन गए हैं, लेकिन पुष्टि कोई नहीं कर रहा है। नागसेनी के तालिब के लापता हुए तीन साल हो गए हैं। सलीम के आतकी बनने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों सकते में हैं कि कहीं और कोई युवक बहकावे में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल ना हो जाए। ओजीडब्ल्यू कर रहे युवाओं को भर्ती :

सूत्रों के अनुसार किश्तवाड़ के केशवान, नागसेनी, मरवाह और वाडवन में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के काफी संख्या में ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) सक्रिय हैं। वे इन क्षेत्रों के युवाओं को गुमराह कर आतंक की राह में धकेलने में जुटे हैं। मौजूदा समय में लश्कर स्थानीय युवकों की भर्ती कर रहा है। ओजीडब्ल्यू आतंकवाद के दौर में जो आतंकी मारे गए थे उनके परिवारों को गुमराह कर रहे हैं। किश्तवाड़ में जाल बिछाया : पुलिस

एसएसपी किश्तवाड़ डॉ हरमीत सिंह मेहता का कहना है कि कश्मीर के शोपिया इलाके में सक्रिय है। अगर वह केशवान में दाखिल होता है उसे दबोचने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पुलिस ने पूरा जाल बिछाया है। इसका भी पता लगाया जा रहा कि कौन सा नेटवर्क है जो यहा के युवकों को बहला-फुसलाकर आतंकवाद मैं शामिल कर रहे हैं।


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