वीपीएन एप की मदद से तीनों आतंकियों ने की थी घुसपैठ
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन टोल प्लाजा पर आतंकियों को ट्रक में छिपाकर लाने वाले चालक सहित तीन ओजीडब्ल्यू (आतंकी मददगार) से गहन पूछताछ में कई बड़े सुराग मिल रहे हैं।
अवधेश चौहान, जम्मू
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन टोल प्लाजा पर आतंकियों को ट्रक में छिपाकर लाने वाले चालक सहित तीन ओजीडब्ल्यू (आतंकी मददगार) से गहन पूछताछ में कई बड़े सुराग मिल रहे हैं। पाकिस्तान और कश्मीर में बैठे आतंकवादियों के हैंडलरों ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एप के जरिये वाट्सएप का इस्तेमाल कर तीन जैश कमांडरों को सांबा व हीरानगर सेक्टर के बीच के रास्ते से घुसपैठ करवाने में मदद की थी। जम्मू कश्मीर में बेशक 2 जी नेटवर्क हाल ही में बहाल किया है, लेकिन स्पीड कम होने के कारण राष्ट्र विरोधी तत्व वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आरोपित ट्रक चालक समीर अहमद डार, सरताज मट्टू व आसिफ अहमद से राज्य पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) पूछताछ कर रही है। समीर डार पुलवामा हमले के मास्टर माइंड आदिल अहमद डार का चचेरा भाई है। एसओजी अधिकारियों को पूछताछ में समीर ने बताया कि वीपीएन के यूजर इंटरनेट की सुविधाएं अपनी से मर्जी से इस्तेमाल कर सकते हैं। पाकिस्तान में बैठे जैश के हैंडलरों ने समीर को भी निर्देश दिए थे कि वह वीपीएन का इस्तेमाल करे। पूछताछ में समीर ने यह भी कुबूल किया कि उसने जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ होर्डिंगों पर रेडी टू यूज मैग्नेटिक आरडीएक्स युक्त आइइडी लगाईं थी। इन आइइडी को तीसरे शख्स ने सक्रिय करके सेना के वाहनों को विस्फोट से उड़ाना था। सुरक्षा बलों ने बाद में इन आइईडी को निष्क्रिय कर दिया था। यह आइईडी एक्सपर्ट जम्मू में ही स्लीपिग सेल के रूप में बैठे हैं जिनमें कुछ छात्र भी हैं। उनकी तलाश में जगह जगह छापेमारी की जा रही है। पूछताछ में सुराग मिला है कि समीर कश्मीर यूनिवर्सिटी का ज्योलॉजी विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट है। इसकी भी पड़ताल की जा रही है कि पाकिस्तना और कश्मीर में बैठे हैंडलरों के सम्पर्क में कौन कौन लोग शामिल थे।