जम्मू-कश्मीरः पीडीपी विधायक के घर से हथियार लेकर भागा एसपीओ बना आतंकी
श्रीनगर में पीडीपी विधायक एजाज मीर के घर से हथियार लेकर फरार एसपीओ आदिल बशीर अब हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बन चुका है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। आतंकियों को अपना भाई बताने वाले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता और विधायक एजाज मीर का फरार एसपीओ आदिल बशीर अब हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बन चुका है। हिज्ब ने सोशल मीडिया पर उसकी हथियारों संग तस्वीर वायरल कर इसकी पुष्टि कर दी है। गौरतलब है कि एसपीओ आदिल बशीर गत शुक्रवार को विधायक की लाइसेंसी पिस्तौल और सुरक्षा गार्द में शामिल आठ पुलिसकर्मियों की राइफलें लेकर फरार हो गया था। पहले ही दिन से उसके आतंकियों से जा मिलने की आशंका जताई जा रही थी जो आज सही हो गई।
विधायक एजाज मीर के आग्रह पर ही आदिल बशीर को उनके सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया था। आदिल और विधायक एक ही गांव से संबधित हैं और विधायक के आग्रह पर आदिल को पहले एसपीओ और उसके उनके सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया था। एजाज मीर जिला शाेपियां में वाची क्षेत्र से चुने गए हैं और श्रीनगर के राजबाग में उन्हें सरकारी आवास प्रदा किया गया है। उनके सरकारी निवास से ही उनका एक एसपीओ हथियार लेकर फरार हुआ है।
इस बीच, मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि विधायक एजाज मीर और उनके आठ सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ हो रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि विधायक अगर कश्मीर से बाहर गए थे तोउन्होंने पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया, यह उनके लिए अत्यंत जरुरी था और इस बारे में उन्हें कई बार सचेत किया गया है। इसके अलावा उनके सुरक्षाकर्मियों ने भी न संबधित अधिकारियों को विधायक के कश्मीर से बाहर जाने के बारे में सूचित किया और न सुरक्षाकर्मियों ने अवकाश पर जाने की अनुमति ली और न अपने हथियार जमा कराए थे। यह सभी बातें कई तरह की शंकाओं को जन्म दे रही हैं। पूछताछ में तीन पुलिसकर्मियों की गतिविधियां भी संदिग्ध पाई गई हैं। फिलहाल, विधायक के सुरक्षा दस्ते में तैनात सात पुलिसकर्मियों सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल अब्दुल हमीद, कांस्टेबल मंजूर अहमद, कांस्टेबल फारुक अहमद, एसपीओ आजाद अहमद, एसपीओ आसिफ अहमद राथर, एसपीओ इमरान अहमद और एसपीओ रईस अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर, हिरासत में ले लिया गया है।
जेनपोरा के नामी पत्थरबाजों में एक था आदिल
विधायक एजाज मीर की जवाहर नगर श्रीनगर स्थित सरकारी निवास से हथयार लेकर फरार हुए एसपीओ आदिल के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। बताया जाता है कि वह जेनपोरा शोपयािं के नामी पत्थरबाजों में एक रहा है। उसके खिलाफ वर्ष 2014 में शाेपियां व जेनपोरा में एफआईआर दर्ज हैं और संबंधित मामले अदालत में विचाराधीन हैं। खुद राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने माना है कि आदिल के आतंकियों के साथ संबंध हैं।
नियमों की अनदेखी और सुरक्षा में चूक
24 वर्षीय एसपीओ आदिल बशीर शेख 11 मार्च, 2017 को ही उसे एसपीओ नियुक्त किया गया था। आदिल बशीर के फरार होने और आतंकियों के साथ जा मिलने की घटना ने पुलिस व राजनीतिज्ञों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। जांच में जुटे अधिकारी खुद सकते में हैं कि व्यक्ति जिसके खिलाफ पत्थरबाजी और राष्ट्रिवरोधी गतिविधियों का मामला दर्ज हो, बिना सिक्याेरिटी क्यलीरेंस कैसे पुलिस संगठन में शामिल हो गया है। इसके अलावा उसे एक संरक्षित व्यक्ति के सुरक्षा दस्ते में कैसे तैनात किया गया है। मामले की जांच में जुटे अधिकारियों ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि आदिल बशीर को पुलिस में एसपीओ नियुक्त कराने में विधायक की भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है, क्योंकि दोनों एक ही गांव से हैं और विधायक के आग्रह पर ही आदिल को उनके सुरक्षा दस्ते में बतौर एसपीओ शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि किसी भी संरक्षित व्यक्ती के सुरक्षा दस्ते में जिन पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाता है, पहले उन सभी की पृष्ठभूमिका विभिन्न एजेंसियों से पता किया जाता है। लेकिन आदिल के मामले में यह चूक हुई है।
आदिल को कोई हथियार नहीं दिया गया था
जांच में पता चला है कि आदिल को विधायक के सुरक्षा दस्ते में शामिल किएजाने के बावजूद कोई हथियार विभाग द्वारा आबंटित नहीं किया गया था। वह विधायक के घर में छोटे-मोटे काम कर रहा था। सुरक्षा दस्ते में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को हथियार आबंटित कएि जाने का नियम है। इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि एसपीओ की पृष्ठभूमि से एसपीओऔर संबधित अधिकारी पहले से अवगत रहे होंगे।
फरार होने से पहले आदिल गया था घर
पुलिस ने आदिल के पिता बशीर अहमद शेख और भाई एजाज अहमद से भी पुलिस ने पूछताछ की है। एजाज ने बताया कि शुक्रवार की सुबह करीब पौने दस बजे आदिल उनसे मिलने जेनपोरा आया था। वह करीब एक घंटा घर में रुका था और उसके बाद वापस श्रीनगर लौट गया था।
जीनत को दिए हथियार
जांच में जुटे अधिकारियों की माने तो 12 लाख रुपये के ईनामी आतंकी जीनत उल इस्लाम से जुड़े हिज्ब के आतंकियों का एक दल गत सप्ताह वीरवार-शुक्रवार को श्रीनगर में देखा गया था। इसलिए इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि उसने यह हथियार जीनत को ही दिए हैं।
आतंकियों को भाई मानते हैं विधायक मीर
पीडीपी के विधायक एजाज अहमद मीर कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को अपना भाई मानते हैं। वह सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को शहीद का दर्जा देते हैं। इसी साल जनवरीी माह के दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा था कि कश्मीर में बंदूक उठाने वाले नौजवान आतंकी नहीं हमारे भाई हैं। वह आजादी मांग रहे हैं। उनकी मौत का सुरक्षाबल और कुछ अन्य लोग जश्न मनाते हैं, यह गलत है। आतंकिियों की मौत का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए,वह हमारे भाई हैं।