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टेरर फंडिंग में छह को छह-छह साल कठोर करावास की सजा

जेएनएफ, जम्मू : टेरर फंडिंग मामले में नेशनल इनवेस्टीगेटिंग एजेंसी (एनआइए) कोर्ट ने पहले के

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Dec 2017 02:33 AM (IST)Updated: Sun, 31 Dec 2017 02:33 AM (IST)
टेरर फंडिंग में छह को छह-छह साल कठोर करावास की सजा
टेरर फंडिंग में छह को छह-छह साल कठोर करावास की सजा

जेएनएफ, जम्मू : टेरर फंडिंग मामले में नेशनल इनवेस्टीगेटिंग एजेंसी (एनआइए) कोर्ट ने पहले केस पर फैसला सुनाते हुए हिजबुल मुजाहिदीन को पैसा मुहैया करवाने के छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए छह-छह साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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विशेष एनआइए न्यायाधीश हक नवाज जरगर ने सलीम, शाहिद शेख, जाकिर हुसैन, मुबारक अहमद, शफकत मोहिउद्दीन कूचे उर्फ शौकत अली तथा बादल शेख को सजा सुनाई। पुलिस केस के मुताबिक, 11 जनवरी 2011 को एसएचओ जानीपुर गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा के मद्देनजर गश्त कर रहे थे। इस दौरान रात करीब साढ़े बारह बजे पुलिस पार्टी ने हाईकोर्ट मार्ग पर एक गली में चार लोगों की संदिग्ध हलचल देखी। पुलिस को देखकर उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। पूछे जाने पर उन्होंने अपना नाम शाहिद, जाकिर हुसैन, शौकत अली व मुबारक हुसैन बताया। तलाशी के दौरान शाहिद के कब्जे से छह हजार रुपये बरामद हुए। शौकत अली से 500 रुपये के चार हजार तथा एक हजार रुपये के 25 नोट के अलावा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के दो लेटर पेज मिले, जिनपर उर्दू में कुछ लिखा था।

पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि यह जाली करंसी है, जो उन्होंने आतंकियों को देनी थी। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने किराये के घर से 1.10 लाख रुपये की जाली करंसी भी बरामद की। इसके बाद मामले की जांच एनआइए को सौंप दी गई। एनआइए ने जांच पूरी करने के बाद केस का चालान पेश किया और आरोप साबित करने में कामयाब रही।

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