जम्मू: स्थायी नहीं करने पर हड़ताल करेंगे विभिन्न विभाग के अस्थायी कर्मी
सत्ता मिलने के बाद अपना वादा भूल गए मोदी फ्रंट के प्रधान पवन कुमार ने कहा कि मोदी सरकार बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ी हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू: जम्मू-कश्मीर के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थायी कर्मियों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी मैदान के बाहर उन्होंने स्थायी करने और न्यूनतम वेतन कानून लागू करने को लेकर आवाज बुलंद की।
अस्थायी कर्मियों ने कहा कि केंद्र सरकार व प्रदेश प्रशासन ने कई बार स्थायी करने के लिए लिए आश्वासन दिए, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि जल्द मांग नहीं पूरी होने पर विभिन्न विभागों में काम कर रहे अस्थायी कर्मी काम ठप कर हड़ताल शुरू कर देंगे। ऐसा होने पर जनता को होने वाली परेशानियों के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
आल जेएंडके कैजुअल लेबर यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले एकत्रित अस्थायी कर्मियों ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू दौरे के समय घोषणा कर दी कि उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 व 35-ए समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम वेतन कानून लागू कर दिया है, लेकिन यह बात सरासर झूठ है। अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार विधानसभा में भी प्रदेश के 60 हजार अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने की घोषणा हुई थी, फिर भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे में अब उनके सामने आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। सत्ता मिलने के बाद अपना वादा भूल गए मोदी फ्रंट के प्रधान पवन कुमार ने कहा कि मोदी सरकार बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपना कोई वादा आज तक पूरा नहीं किया। लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जम्मू दौरे के दौरान घोषणा की थी कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो जम्मू-कश्मीर के अस्थायी कर्मियों को स्थायी करेगी, लेकिन सत्ता मिलने के बाद मोदी अपना वादा भूल गए।