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जम्मू-कश्मीर के शिक्षकों ने कहा अब उन्हें भी केंद्र शासित प्रदेश के बराबर मिलेगा अलाउंस Jammu News

जनरल लाइन टीचरों को तो वेतन हर महीने मिल जाता है लेकिन एसएसए के तहत अपग्रेड किए गए स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को व समग्र शिक्षा के अधीन आने वाले शिक्षकों वेतन नहीं मिलता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 01:27 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 01:27 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के शिक्षकों ने कहा अब उन्हें भी केंद्र शासित प्रदेश के बराबर मिलेगा अलाउंस Jammu News
जम्मू-कश्मीर के शिक्षकों ने कहा अब उन्हें भी केंद्र शासित प्रदेश के बराबर मिलेगा अलाउंस Jammu News

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के बाद शिक्षक समुदाय खुश हैं। जम्मू कश्मीर के स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उनकी वेतन विसंगतियां तो दूर होंगी ही, उन्हें अलाउंस भी दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के बराबर मिलेंगे। जम्मू कश्मीर में शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग भी अकसर वेतन समय पर न मिलने, तबादलों मेें पारदर्शिता न होने, समय पर उन्हें ग्रेड न मिलने आदि मांगों को लेकर कई बार सड़कों पर उतर चुका है।

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वहीं जम्मू कश्मीर में वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए भी शिक्षकों को अांदोलन करना पड़ता है लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अब अपना हक पाने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। जम्मू कश्मीर टीचर्स फोरम के प्रधान गणेश खजूरिया का कहना है कि शिक्षक जितना अधिक तनानमुक्त होगा, वह बच्चों को उतना ही बेहतर पढ़ा सकता है। लेकिन हमारे यहां शिक्षकों को उनका जायज हक नहीं मिलता है जिस कारण वे तनाव में रहते हैं। अब केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर के शिक्षकों को दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के बराबर ग्रेड मिलेंगे। उनके एचआर बढ़ेंगे।

इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों को चिल्ड्रन अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, मेडिकल सर्विस आदि मिलती है और उम्मीद करते हैं कि जम्मू कश्मीर में शिक्षकों को भी यह सब मिलेगा। वहीं वेतन में देरी को लेकर खजूरिया का कहना है कि जनरल लाइन टीचरों को तो वेतन हर महीने पर मिल जाता है लेकिन एसएसए के तहत अपग्रेड किए गए स्कूलों में नियुक्त कुछ मास्टर ग्रेड शिक्षकों को व समग्र शिक्षा के अधीन आने वाले शिक्षकों का वेतन लंबित होता है। उन्हें केंद्र से आने वाली ग्रांट के बाद ही वेतन मिलता है लेकिन अब ऐसा शायद नहीं होगा।

कांट्रेक्चुअल लेक्चरारों को उम्मीद कि उनकी सुनेगी सरकार

स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे प्लस टू कांट्रेक्चुअल लेक्चरारों काे उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी जरूर सुनेगी। कांट्रेक्चुअल लेक्चसर्स एसोसिएशन के प्रधान अरूण बख्शी का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर में रोजगार बढ़ाने का भरोसा दिया था। उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री उनके बारे भी जरूर सोचेंगे।


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