Coronavirus Vaccination: जम्मू कश्मीर में 34 लाख लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य, एक अप्रैल से शुरू होगा तीसरा चरण
जम्मू-कश्मीर में इस चरण में 34 लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक पूरे जम्मू-कश्मीर में छह लाख के करीब लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने तैयारियां शुरू की हैं।
रोहित जंडियाल, जम्मू । देश के अन्य भागों की तरह ही जम्मू-कश्मीर में भी एक अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान शुरू होगा। जम्मू-कश्मीर में इस चरण में 34 लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक पूरे जम्मू-कश्मीर में छह लाख के करीब लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। वहीं बड़े पैमाने पर शुरू हो रहे इस अभियान को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने तैयारियां शुरू की हैं।
टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है
जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस चरण के तहत यह अनुमान लगाया है कि यहां पर 45 साल से अधिक उम्र की करीब 28 फीसद जनसंख्या है अर्थात कुल 34,34,764 लोगों का टीकाकरण होगा। इनमें जम्मू संभाग में 1505991 और कश्मीर संभाग में 19,28,773 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है। टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वहीं और वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार को भी लिखा गया है। लेकिन यह अभियान भी सफल बनाना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
सरकार ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों तथा 45 साल से 59 वर्ष के उन लोगों जो कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके टीकाकरण के लिए एक मार्च को अभियान शुरू किया था। लेकिन करीब एक महीने के बाद अभी तक मात्र नौ फीसद के आसपास ही लोगों का टीकाकरण हो पाया है। जम्मू जिले में सबसे अधिक 17 फीसद लोगों ने इस वर्ग में अभी तक वैक्सीन ली है। वहीं डोडा जिले में 14 फीसद, कठुआ में 13 फीसद, सांबा में 14 फीसद, ऊधमपुर में करीब 12 फीसद लोगों ने वैक्सीन ली है। जम्मू संभाग में रामबन जिले में सबसे कम साढ़े तीन फीसद लोगों ने ही अभी तक वैक्सीन की पहली डोज ली है। किश्तवाड़, पुंछ, राजौरी और रियासी जिलों में भी चार से छह फीसद के बीच ही टीकाकरण हुआ है।
इसी तरह कश्मीर संभाग में बारामुला जिले में सबसे अधिक 13 फीसद और पुलवामा में साढ़े दस फीसद लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ली है। बांडीपोरा में सबसे कम दो फीसद और श्रीनगर जिले में मात्र ढाई फीसद लोगों ने ही अभी तक पहली डोज ली है। कश्मीर के अन्य छह जिलों में भी पांच फीसद के आसपास लोगों ने ही इस वर्ग में पहली डोज ली है। कश्मीर में कोरोना पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ डा. निसार-उल-हसन का कहना है कि लोगों को समझना होगा कि कोरोना वैक्सीन से ही इस संक्रमण से बचा जा सकता है। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। उनका कहना है कि कश्मीर में सभी वगों के लोगों को वैक्सीन के लिए आगे आने की जरूरत है।
पहले भी कम हुआ है टीकाकरण
कश्मीर में पहले और दूसरे चरण में भी निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है। पहले चरण में 71 फीसद स्वास्थ्य कर्मियों ने ही वैक्सीन की पहली डोज ली थी। इसमें किसी भी जिले में शत-प्रतिशत कर्मचारी डोज के लिए आगे नहीं आए। इसी तरह दूसरे चरण में 75 फीसद फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही टीकाकरण करवाया था। इसमें भी जम्मू संभाग में कश्मीर की अपेक्षा अधिक वर्कर्स ने टीकाकरण अभियान में भाग लिया था।