आतंकवाद को हवा देने के लिए पहुंचा था तल्हा
कहा जाता है कि पिछले महीने बड़गाम जिले के अरिजाल इलाके में जाकिर मूसा की लश्कर और जैश के आतंकियों के साथ बैठक भी तल्हा रशीद के सौजन्य से ही हुई थी।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। दक्षिण कश्मीर के अगलरकंडी, पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो अन्य साथियों संग मारे गए जैश आतंकी तल्हा रशीद को जैश सरगना मसूद अजहर ने हमास की जगह लेने और अंसार गजवा उल हिंद व अन्य आतंकी संगठनों के साथ तालमेल बनाकर कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के लिए भेजा था। हमास इसी साल मई में सुरक्षाबलों द्वारा तैयार की गई मोस्ट वांटेट 12 आतंकियों की सूची में भी शामिल है।
हालांकि तल्हा रशीद के बारे में सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व अन्य एजेंसियों के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन संबंधित सूत्रों ने बताया कि तल्हा रशीद जो कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा था, सितंबर में उत्तरी कश्मीर के रास्ते कश्मीर में दाखिल हुआ था। उसके साथ जैश के लगभग 15-16 आतंकियों ने दो से तीन गुटों में घुसपैठ की थी।
तल्हा रशीद को जैश की तरफ से हमास की जगह लेने के लिए भेजा गया था। हमास अगस्त में जैश को छोड़ जाकिर मूसा की अगुआई वाले संगठन अंसार गजवा उल हिंद के साथ चला गया था। इससे जैश की गतिविधियां और कैडर प्रभावित हो रहा था।अधिकारियों ने बताया कि जैश को जाकिर मूसा से कोई परेशानी नहीं है और जब जाकिर ने हिज्ब से बगावत की थी तो जैश से जुड़े लोगों ने ही दक्षिण कश्मीर में एक स्थान विशेष पर बहावी विचारधारा से संबंधित कुछ मजहबी नेताओं के साथ उसकी बैठक का बंदोबस्त करते हुए कई विदेशी आतंकियों को जमा कर उसके अलकायदा से जुड़ने की जमीन तैयार की थी, लेकिन हमास का जैश में अपने कुछ साथियों के साथ मतभेद था। उसने जाकिर मूसा के साथ जाने का ऐलान कर दिया था।
हमास के जाने के बाद मसूद अजहर ने तल्हा रशीद को कश्मीर में जिहादी मिशन पर भेजा था। अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर की शुरुआत में श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में शामिल जैश के आतंकी भी तल्हा के साथ ही सरहद पार से आए थे। तल्हा को दक्षिण कश्मीर में जैश के कैडर को एकजुट करने और हिज्ब के कैडर और अंसार गजवा उल हिंद व लश्कर के बीच समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कहा जाता है कि पिछले महीने बड़गाम जिले के अरिजाल इलाके में जाकिर मूसा की लश्कर और जैश के आतंकियों के साथ बैठक भी तल्हा रशीद के सौजन्य से ही हुई थी। इसी बैठक में जाकिर मूसा को एक हथियारों की खेप के साथ लश्कर व जैश के कुछ आतंकियों को सौंपा गया था।