Jammu Kashmir: जम्मू के रत्नुचक्क मिलिट्री स्टेशन में ताजा हुए 1971 युद्ध की शानदार जीत के किस्से
50 वर्ष पहले लड़े गए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में देशभक्ति के जज्बे को बल देने जम्मू पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल के स्वागत के कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया।विजय मशाल ने वीरवार दोपहर को जम्मू जिले में प्रवेश किया था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । 50 वर्ष पहले लड़े गए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में देशभक्ति के जज्बे को बल देने जम्मू पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल के स्वागत के कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया।
विजय मशाल ने वीरवार दोपहर को जम्मू जिले में प्रवेश किया था। शुक्रवार को जम्मू के रत्नुचक्क मिलिट्री स्टेशन में विजय मशाल के सम्मान में पहले कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रत्नुचक्क मिलिट्री स्टेशन में स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान में हुए कार्यक्रम में ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर एमए शेक के डिप्टी ब्रिगेड कमांडर कर्नल आकाश शेखों, 1971 के युद्ध के कई पदक विजेता, शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक व वीर नारियाें ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ शहीदों को श्रद्धाजंलि देने के साथ हुआ। विजय मशाल का स्वागत करने के इस कार्यक्रम में आईएएस अधिकारी सिमरणदीप सिंह, सुषमा चौहान व प्रशासन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में वर्ष 1971 के युद्ध में दुश्मन से लोहा लेने वाले कई पदक विजेता पूर्व सैनिकों ने पचास साल पहले रचे गए इतिहास की यादों को ताजा किया। इस दौरान शहीदों के परिजनों व युद्ध् के नायकों को सम्मानित भी किया गया। सेना के बैंड ने प्रस्तुति पेश कर समा बांधा। इस दौरान 1971 के युद्ध की गई पुरानी फिल्में भी दिखाई गई।
वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में देशभक्ति के जज्बे को बल देने देश की राजधानी दिल्ली से 16 दिसंबर 2020 को विजय दिवस पर निकली विजय मशाल ने 3 अप्रैल को लखनपुर से जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया था। ऐसे में जम्मू संभाग के कठुआ व सांबा जिलों में 12 दिन रहने के बाद अब विजय मशाल के सम्मान में जम्मू जिले में कई कार्यक्रम होंगे। इस दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के साथ उन बहादुर पूर्व सैनिकों को हाैंसला भी बढ़ाया जाएगा जिन्होंने पचास साल पहले हुए युद्ध में दुश्मन से लोहा लिया था।