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सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का निधन, टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी

सूफी गायक प्यारेलाल वडाली (75) का निधन शुक्रवार को हो गया। उन्होंने सुबह 6.30 बजे अंतिम सांस ली।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 03:26 PM (IST)
सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का निधन, टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी
सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का निधन, टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी

जम्‍मू, जागरण संवाददाता। सूफी गायक प्यारेलाल वडाली (75) का निधन शुक्रवार को हो गया। उन्होंने सुबह 6.30 बजे अंतिम सांस ली। उनका अमृतसर के फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था। पद्मश्री पूरण चंद वडाली के छोटे भाई और जोड़ीदार प्यारेलाल के निधन ने उनके चाहने वालों को स्तब्ध कर दिया है।

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शुक्रवार को ही उनका अतिम संस्कार कर दिया गया। सूफी गायकी को नया आयाम देने वाले वडाली बंधुओं ने बचपन में ही संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। प्यारेलाल वडाली को किडनी की समस्या थी। डॉक्टरों ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है। उनका शव छेहरटा स्थित गुरु की वडाली में उनके घर लाया गया।

छोटे भाई की मौत के बाद पूरण चंद वडाली गहरे सदमे में हैं। उन्होंने किसी से बात नहीं की और कमरे में चुपचाप बैठ गए। कहा- मैं आज कुछ कह नहीं सकता। प्यारेलाल वडाली अपने पीछे पत्नी सुरजीत कौर, दो बेटे सतपाल कुमार व संदीप कुमार और तीन बेटियां शीला रानी, सीमा रानी व राज रानी छोड़ गए हैं।

1992 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड जीतने वाले वडाली बंधुओं को 1998 में तुलसी अवार्ड, 2003 में पंजाब संगीत नाटक अकादमी अवार्ड तथा 2015 में पीटीसी की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। 2005 में इनके बड़े भाई पूरण चंद वडाली को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। दोनों भाई बड़े गुलाम अली साहब के शागिर्द थे। खास बात यह थी कि उन्होंने सदैव अपने बड़े भाई पूरण चंद वडाली के साथ ही गाया। यह जोड़ी वडाली बंधु के नाम से मशहूर थी। पुरस्कार भी इस जोड़ी को ही मिले।

पहली बार इन्होंने 1975 में हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में गाया था। 2003 में आयी फिल्म ‘पिंजर’ व ‘धूप’ में भी उनके गीत थे। ‘पिंजर’ बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म थी। उन्होंने एक तमिल फिल्म में गीत गाया था। फिल्मों में गाये उनके प्रमुख गीतों में ‘इक तू ही तू’ (मौसम 2011), ‘तू माने या ना’ (फरीद 2004), ‘ए रंगरेज मेरे’ (तनु वेड्स मनु 2011) शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा प्यारेलाल वडाली के निधन से दुखी हूं। उनके गायन ने उन्हें वैश्विक स्तर पर काफी लोकप्रियता दिलायी। उनका काम लोगों को सूफी संगीत की ओर आकर्षित करता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने कहा- सूफी गायकी से दुनिया भर में मशहूर वडाली बंधुओं में से श्री प्यारे लाल वडाली का निधन भारत की कला-संस्कृति जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि..

संगीतकार और गायक दलेर मेंहदी ने कहा- पंजाब के शहंशाह गायक प्यारेलाल वडाली, जो पंजाबी साहित्य और संगीत को दुनिया भर में ऊंचाई पर ले कर गए, आज इस दुनिया को छोड़ कर चले गए हैं।

गायिका हर्षदीप कौर ने कहा= संगीत की दुनिया के लिए आज दुख का दिन है.., विश्वास नहीं हो रहा । 

संगीतकार और गायक शंकर महादेवन ने कहा- सदमे में हूं। उनका काम लोगों को सूफी संगीत का आनंद देता रहेगा। उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत संगीत प्रेमियों के साथ मेरी संवेदना है। 


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