जम्मू-कश्मीर में सब इंस्पेक्टर को मौत के घाट उतारने वाले प्रेमी-प्रेमिका गिरफ्तार
पुलवामा में करीब डेढ़ माह पहले सब इंस्पेक्टर को अगवा कर मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों की मदद करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पुलवामा में करीब डेढ़ माह पहले अपने मां-बाप से मिलने जा रहे सब इंस्पेक्टर को अगवा कर मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों की मदद करने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह दोनों प्रेमी-प्रेमिका हैं। पुलिस ने वारदात में लिप्त वाहन को भी जब्त कर लिया है।
वारदात में लिप्त दो आतंकी लियाकत अहमद वानी और वाजिद उल इस्लाम भी गत दिनों सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को राज्य पुलिस की सीआइडी शाखा में कार्यरत सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर की पुलवामा में आतंकियों ने अगवा कर मौत के घाट उतार दिया था। इम्तियाज उस दिन श्रीनगर से अपने मां-बाप से मिलने के लिए पुलवामा निकले थे। आतंकी पहचान न पाएं, इसलिए उन्होंने अपनी दाढ़ी कटवाने के अलावा हुलिया भी बदला था, लेकिन आतंकियों ने पूरा जाल बिछा रखा था।पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सब इंस्पेक्टर की हत्या की साजिश में लिप्त अंसार उल हक पुत्र बशीर अहमद निवासी टिक्कन पुलवामा और एक महिला सईद सायका अमीन निवासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। सब इंस्पेक्टर की हत्या में शामिल दो आतंकी वाजिद व लियाकत पहले ही सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ मारे जा चुके हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
दिल्ली में पकड़ा गया था अंसार उल हकसब इंस्पेक्टर की हत्या में लिप्त अंसार उल हक को गत 20 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने राज्य पुलिस की विशेष सूचना के आधार पर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से पकड़ा था। अधिकारियों ने बताया कि अंसार उल हक अंग्रेजी में पीजी है। उसका एक भाई और दो बहनें हैं, जो विवाहित हैं। अंसार की गत तीन अगस्त 2018 को शादी हुई थी। वह एक राजनीतिक दल से भी जुड़ा था और बाबहरा पुलवामा के रहने वाले एक आतंकी वाजिद के कहने पर हिजबुल मुजाहिदीन के लिए बतौर मुखबिर और ओवरग्राउंड वर्कर काम करने लगा था।
वह हिज्ब आतंकियों लियाकत, शाहू केबल, शाहिद अहमद बाबा, जाहिद टाइगर और जहूर के साथ संपर्क में था। अक्टूबर 2018 में उसे आतंकी जहूर ठोकर ने राज्य पुलिस के सीआइडी विंग में तैनात सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद की निगरानी करने और उसकी गतिविधियों की सूचना पहुंचाने का जिम्मा सौंपा। इसके बाद अंसार उल हक ने अपनी प्रेमिका सईद सायका की मदद ली। सायका ने सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद के साथ दोस्ती कर उसे अपने जाल में फांसा। इसके बाद उसने सायका के जरिए इम्तियाज अहमद मीर को पुलवामा चलने के लिए तैयार किया।
योजना के मुताबिक,उसने सायका को बख्शी स्टेडियम के पास अमर सिांह कॉलेज के पास छोड़ा और उसके जरिए इम्तियाज अहमद को फोन कराया। इसके साथ ही हिदायत दी कि वह इम्तियाज को पुलवामा लेकर चले, लेकिन वह मुख्य रास्ते के बजाय श्रीनगर-नौगाम-छत्रगाम सड़क का रूट ले। वह खुद छत्रगाम में एक पेट्रोल पंप पर अपनी कार में बैठ उनका इंतजार करने लगा। जैसे ही सब इंस्पेक्टर इम्तियाज और सायका वहां से सिल्वर ग्रे रंग की आई-10 कार में गुजरे, उसने आतंकियों को सूचित किया। करीमाबाद से कुछ ही दूरी पर आतंकियों ने कार को रोक लिया और उसके बाद उन्होंने सब इंस्पेक्टर को यातनाएं देने के साथ ही गोली मार मौत के घाट उतार दिया था।