छात्र संगठनों ने आंदोलन में कूदने की तैयारी की
राज्य ब्यूरो, जम्मू : 25 हजार से अधिक पदों को रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को सौंपने से शुरू हु
राज्य ब्यूरो, जम्मू : 25 हजार से अधिक पदों को रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को सौंपने से शुरू हुए आंदोलन में अब छात्र संगठनों ने कूदने की तैयारी कर ली है। शनिवार को जम्मू विश्वविद्यालय में अवकाश होने के कारण विरोध प्रदर्शन नहीं हुए। रविवार को भी अवकाश है। चूंकि यह मुद्दा पूरी तरह से युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है। इसलिए छात्र संगठनों ने इसमें विद्यार्थियों का साथ देने के लिए तैयारी कर ली है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सचिव दीपक गुप्ता का कहना है कि राज्य प्रशासनिक काउंसिल के फैसले से युवाओं को झटका लगा है। जिस तरह से हजारों पदों को आरईटी अध्यापकों को सौंपा गया है उससे आने वाले समय में तो अध्यापकों के पद सृजित नहीं होगे। परिषद इस मुद्दे पर युवाओं के साथ है। यूथ कांग्रेस के प्रधान उदय चिब ने कहा कि युवाओं की अनदेखी की जा रही है। विद्यार्थी भविष्य को लेकर ¨चतित हो गए है। उन्होंने कहा कि छात्रों का आंदोलन अपनी जगह ठीक है। नेशनल सेक्युलर फोरम के प्रधान डॉ. विकास शर्मा ने कहा कि रहबर-ए-तालीम योजना को बंद करने का फैसला तो समझ में आता है लेकिन हजारों पदों को तबदील किया जाना अच्छा कदम नहीं है। इससे आने वाले समय में तो युवाओं को नुकसान होगा। कई वर्षो तक अध्यापकों के पद नहीं निकल पाएंगे। पैंथर्स स्टूडेंट यूनियन ने भी विद्यार्थियों के आंदोलन में शामिल होने की तैयारी कर ली है। सोमवार से जम्मू विवि में कक्षाएं लगते ही आंदोलन तेज हो जाएगा।