निगम प्रशासन झुका, मांगें माने जाने पर सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म
हड़ताल खत्म हड़ताल खत्म हड़ताल खत्म
जागरण संवाददाता, जम्मू : पांच दिन की हड़ताल के बाद आखिरकार जम्मू नगर निगम प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों की मांगों को मान लिया। इसके साथ ही शुक्रवार शाम को सफाई कर्मी काम पर लौट आए। शनिवार से सभी वार्डो में सफाई होगी। हड़ताल समाप्त होने पर निगम प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन भी सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम परिसर में प्रदर्शन करते हुए आंदोलन को तेज करने पर जोर दिया। इसी बीच मेयर चंद्रमोहन गुप्ता, बलदेव सिंह बलोरिया भाजपा व अन्य पार्टियों के कॉरपोरेटरों के साथ कर्मचारियों से मिलने पहुंचे। मेयर ने सभी के साथ बातचीत कर मांगों को पूरा करने का विश्वास दिलाया। ज्यूल चौक में कर्मचारियों को समझाते हुए फौरन काम पर लौटने की बात कही। कर्मचारियों ने लिखित में आश्वासन मिलने के बाद ही हड़ताल समाप्त करने की बात कही। इसके बाद मेयर के निर्देश पर म्यूनिसिपल कमिश्नर पंकज मंगोत्रा ने सफाई कर्मियों के साथ बैठक शुरू की। दोपहर को शुरू हुई बैठक के बाद करीब तीन बजे हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले साढ़े चार दिन तक चली इस हड़ताल से पूरा शहर गंदगी के ढेरों से पट गया था। यह मांगें मानी
यूनियन के निवर्तमान प्रधान रिकू गिल ने कहा कि म्यूनिसिपल कमिश्नर ने मांगें मान ली हैं। जिन 26 वार्डो को निजी हाथों में सौंपा जा रहा था, वो आदेश रद कर दिया गया है। पहले से एनजीओ को सौंपी गई 15 वार्ड की सफाई व्यवस्था वापस ले ली गई है। 181 कर्मचारियों की सूची तैयार कर बोर्ड में लगा दी गई है। इसमें आपत्ति मांगी गई हैं। कोई आपत्ति नहीं आती तो 15 दिन बाद इनमें से 139 कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। सफाई कर्मचारियों के साक्षात्कार में अब दौड़ न लगाकर हाथों में झाडू लेकर काम लिया जाएगा। 33 कांट्रैक्चुअल ड्राइवरों को पक्का करने संबंधी फाइल को सचिवालय से पारित करवाया जाएगा। नगर निगम के पुनर्गठन के संबंध में प्रशासन ने सचिवालय को पत्र लिख दिया है। पुनर्गठन से 2500 पक्का स्थायी मुलाजिम मिल जाएंगे। सारी मांगों को मान लेने के बाद हड़ताल खत्म कर दिया। शाम चार बजे से सफाई कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया। शनिवार से रूटीन में सफाई होगी।
-------
22 जुलाई से शुरू किया था धरना
सफाई कर्मचारियों ने 22 जुलाई को म्यूनिसिपल कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रोष प्रकट करना शुरू किया था। इससे पहले 17 जुलाई को जनरल हाउस की बैठक में 26 वार्डो के निजीकरण की घोषणा की गई थी। इसके बाद रोजाना धरना देते हुए कर्मचारियों ने एकजुट होना शुरू किया। 72 घंटे का अल्टीमेटम देने के बाद 29 से हड़ताल शुरू कर दी। शहर में कोई सफाई नहीं हुई। रोजाना निकलने वाला करीब 400 मीट्रिक टन कचरा मुहल्लों में बदबू का सबब बनने लगा। इससे बीमारियां फैलने का खतरा बन गया था।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप