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जम्मू कश्मीर में मोदी के दौरे के बाद 14 रैलियां करेगी कांग्रेस, बड़े नेताओं को लाने की तैयारी

Congress. जम्मू कश्मीर में पीएम नरेंद्री मोदी के दौरे के बाद कांग्रेस भी इसी माह 14 रैलियां करेगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 11:31 AM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 11:31 AM (IST)
जम्मू कश्मीर में मोदी के दौरे के बाद 14 रैलियां करेगी कांग्रेस, बड़े नेताओं को लाने की तैयारी
जम्मू कश्मीर में मोदी के दौरे के बाद 14 रैलियां करेगी कांग्रेस, बड़े नेताओं को लाने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्‍मू कश्‍मीर दौरे के बाद भाजपा प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। ऐसे में अभी तक शांत पड़ी कांग्रेस भी सक्रियता बढ़ाने के प्रयास में जुट गई। इसीलिए जम्‍मू व कश्‍मीर में अपनी सियासी उपस्थिति दिखाने की कवायद में जुट गई है। ऐसे में पार्टी नेताओं ने एक के बाद एक रैलियों का कार्यक्रम बनाया है। कई बड़े नेताओं को राज्‍य में लाने की तैयारी है। फरवरी में पार्टी कुल 14 रैलियां करेगी। जिला आधार पर रैलियां होगी, जिसमें ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को कवर किया जाएगा।

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पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और पार्टी की जम्मू कश्मीर मामलों की प्रभारी अम्बिका सोनी का 16 फरवरी को जम्मू में एक बड़ी रैली का कार्यक्रम बनाया गया है। संभावना है कि प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव हों। ऐसे में कांग्रेस प्रचार में पीछे नहीं रहना चा‍हती। हालांकि पार्टी का अधिक जोर जम्मू संभाग की दो संसदीय सीटों जम्मू पुंछ, ऊधमपुर-कठुआ, कश्मीर संभाग की दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग सीट और लद्दाख सीट पर रहेगा। जम्मू कश्मीर में कुल छह संसदीय सीटें है। पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला पार्टी हाईकमान ने करना है। वहीं विधानसभा की अधिकतर सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी।

यह तय है कि विधानसभा चुनाव से पहले किसी तरह का गठजोड़ नहीं होगा लेकिन संसदीय चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठजोड़ की संभावनाएं समय आने पर ही तलाशी जाएंगी। साल 2014 के संसदीय चुनाव में पार्टी को कोई संसदीय सीट नहीं मिली थी। उसके बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी को मात्र 12 सीटें ही हासिल हुई थी। उसके बाद पार्टी नेताओं की सक्रियता कम होती चली गई। खराब नतीजों ने कार्यकर्ताओं को काफी निराश किया।

तीन राज्यों की जीत के बाद राज्य के कार्यकर्ताओं में उम्मीद की किरण जगाई है। पार्टी के जिन नेताओं ने हार के बाद कार्यक्रमों में भाग लेना बंद कर दिया था या मुख्यालय आना ही बंद हो गए थे, वे अब सक्रिय हाेकर रैलियों का आयोजन कर रहे है। न्‍यूनतम आय गारंटी योजना को पार्टी प्रदेश में भी भुनाना चाहती है।

प्रदेश प्रधान जीए मीर के अनुसार फरवरी में रैलियों के जरिए पार्टी अपना आधार ही मजबूत बनाने की कोशिश नहीं करेगी बल्कि मोदी सरकार की नाकामियों को उजागर करते हुए अपने कार्यक्रम को मजबूती के साथ लोगों के बीच रखेगी। एक महीने में एक दर्जन से अधिक रैलियों की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा का कहना है कि हम संसदीय और विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। हम मोदी सरकार की नाकामियों को लोगों के बीच ले जाएंगे। संसदीय चुनाव में गठबंधन होगा, या नहीं, इसका फैसला पार्टी हाई कमान करेगी।


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