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Jammu Kashmir Border: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में पाकिस्तान, चीन को घेरने को सेना की रणनीतिक तैयारी

Jammu Kashmir Border सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंग भी युद्ध् के हालात में बेहतर तरह से काम करेंगे। अब सेना में नए पद सृजित होने से चुनौतियों का सामना करने के लिए दक्षता आएगी। उन्होंने बताया कि इस दिशा में काफी समय से सुझाव दिए जा रहे थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 11:15 AM (IST)
Jammu Kashmir Border: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में पाकिस्तान, चीन को घेरने को सेना की रणनीतिक तैयारी
भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सेना तैयार हो रही है।

जम्मू, विवेक सिंह : जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में नापाक मंसूबे रखने वाले पाकिस्तान, चीन जैसे देशों को घेरने भी भारतीय सेना की रणनीति तैयारियों को सेना के डिप्टी चीफ (रणनीतिक) पद के सृजन से धार मिलेगी। इससे दुश्मन की नापाक हरकत का सामना करने के लिए सटीक प्रहार करना संभव होगा।

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डोकलाम व उसके बाद पूर्व लद्दाख में चीन की साजिशों को नाकाम बनाने के लिए सेना के डिप्टी चीफ (रणनीतिक) की जरूरत महसूस हाे रही थी। कारगिल युद्ध् के दौरान भी महसूस किया गया था त्वरित प्रहार के लिए सेना के विभिन्न अंगों में समन्वय को और बेहतर बनाने की जरूरत है। अब सेना के डिप्टी चीफ (रणनीतिक) पद के सृजन के फैसले से बड़े सैन्य अभियान की रणनीति बनाने वाले सेना के सभी अंग एक समूह की तरह काम करते हुए त्वरित फैसला व जल्द कार्रवाई करेंगे।

अब बदले हालात में सेना के डिप्टी चीफ (रणनीतिक) की जिम्मेवारी संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी को डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आपरेशन, डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलीजेंस सीधे रिपोर्ट करेंगे। इसके साथ सृजित हो रहे डायरेक्टर जनरल योजना व डायरेक्टर जनरल रणनीतिक संचार के पद पर तैनात होने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी भी रिपोर्ट करेंगे।

डिप्टी चीफ (रणनीतिक) सेना में डिप्टी चीफ का तीसरा पद होगा। इससे पहले सेना में डिप्टी चीफ के दो पद हैं। डिप्टी चीफ (रणनीतिक) पद पर तैनात सेना का थ्री स्टार जनरल रैंक का अधिकारी अपनी अधीन अधिकारियों से से मिलने वाली रिपोर्ट सीधे उप थलसेना अध्यक्ष को देगा। इससे जल्द सैन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर रणनीति बन पाएगी।

सैन्य सूत्रों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में सैन्य अभियानों में खासी महारत रखने वाले सेना के मौजूदा डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आपरेशन लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह सेना के डिप्टी चीफ (रणनीतिक) हो सकते हैं। वह जम्मू कश्मीर व लद्दाख में सैन्य अभियानों में महारत रखते हैं। वह गुलाम कश्मीर में चल रहे आतंकवादी शिविरों को तबाह करने के लिए सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के रणनीतिकार भी रहे हैं। जम्मू संभाग की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाल 16 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग रहे लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह की कमान में सेना की स्पेशल फोर्स ने सिचायिन इलाके में दुश्मन के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान को कामयाब बनाया था।

सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल का कहना है कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सेना तैयार हो रही है। पूर्वी लद्दाख में सशस्त्र सेनाओं की तैयारी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे बदलाव समय की मांग हैं। केंद्र सरकार ने सशस्त्र सेनाओं के तीन अंगों में बेहतर समन्वय के लिए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ का गठन किया है। इससे सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंग भी युद्ध् के हालात में बेहतर तरह से काम करेंगे। अब सेना में नए पद सृजित होने से चुनौतियों का सामना करने के लिए दक्षता आएगी। उन्होंने बताया कि इस दिशा में काफी समय से सुझाव दिए जा रहे थे। अब इन पर अमल हो रहा है। 


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