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स्टार्टअप के विकास, प्रचार के लिए 1.20 करोड़ मंजूर

राज्य स्टार्टअप नीति के तहत चुने गए 12 स्टार्टअप के विकास प्रचार और उत्पाद अनुसंधान के लिए 1.20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:42 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:42 AM (IST)
स्टार्टअप के विकास, प्रचार के लिए 1.20 करोड़ मंजूर
स्टार्टअप के विकास, प्रचार के लिए 1.20 करोड़ मंजूर

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य स्टार्टअप नीति के तहत चुने गए 12 स्टार्टअप के विकास, प्रचार और उत्पाद अनुसंधान के लिए 1.20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

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स्टार्टअप टास्क फोर्स की बुधवार को हुई सचिव आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य विभाग मनोज द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। जम्मू कश्मीर स्टार्टअप नीति को वर्ष 2018 में लागू किया गया था। जम्मू कश्मीर उद्यमशीलता विकास संस्थान (जेकेईडीआइ) को इस योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।

जम्मू कश्मीर स्टार्टअप नीति और स्टार्टअप टास्क फोर्स का मकसद राज्य में स्टार्टअप के लिए एक साजगार माहौल बनाते हुए युवा व उद्यमशील प्रतिभाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना है। टास्क फोर्स की बैठक में मनोज द्विवेदी ने जेकेईडीआइ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में ऐसे और स्टार्टअप का पता लगाया जाना चाहिए। जेकेईडीआइ को स्टार्टअप की हर संभव मदद करनी चाहिए। मजबूत और विश्वसनीय वित्तीय मदद का ढांचा तैयार करने के लिए निवेशकों और पूंजी फार्मो को भी शामिल करना होगा। छह स्टार्टअप राजस्व मॉडल और विपणन रणनीति की समीक्षा करें : डार

इससे पूर्व जेकेईडीआइ के निदेशक जीएम डार ने राज्य में स्टार्टअप की मदद के लिए अपने संस्थान की ओर से लागू किए गए विभिन्न उपायों व योजनाओं का जिक्र किया। बैठक में 18 स्टार्टअप के मामलों पर विचार विमर्श हुआ। इनमें से 12 स्टार्टअप के वित्त पोषण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जबकि छह अन्य को अपने राजस्व मॉडल और विपणन रणनीति की समीक्षा करने के लिए कहा गया। मंजूर किए गए स्टार्टआप में तकनीकी शिक्षा, कृषि व अन्य शामिल

मंजूर किए गए स्टार्टआप में तकनीकी शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, कचरा प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों से संबंधित है। जम्मू कश्मीर स्टार्टअप नीति के तहत स्टार्टअप को कार्यालय के लिए जगह व उत्पाद अनुसंधान में सहयोग, मासिक मानदेय, ऊर्जा सहायता, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट कराने के लिए खर्च का भुगतान, कर लाभ, अवसंरचना समर्थन, वित्तीय सहायता अैर अकादमिक हस्तक्षेप जैसी मदद दी जाती है। खाद्य संवर्धन व सहयोगी गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा

खाद्य संवर्धन व सहयोगी गतिविधियां, कृषि उत्पादन, बागवानी, फ्लोरीकल्चर, वस्त्र, रेडिमेड कपड़े, फैशन टेक्नोलाजी, नवीकरण ऊर्जा, दस्तकारी और सूचना प्रौद्योगिकी से जुडे़ स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह नीति सभी क्षेत्रों के लिए लाभ को सुनिश्चित बनाती है।


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