सीमा पार दुश्मन की अब खैर नहीं, आइबी पर स्मार्ट फैंस से सीमा रक्षण का आधुनिक युग शुरू
स्मार्ट फेंसिंग इतनी आधुनिक है कि अगर भारत के क्षेत्र में कोई नया चेहरा आता है तो यह फौरन उसकी पहचान कर कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देगा।
जम्मू, विवेक सिंह। पाकिस्तान के परोक्ष युद्ध का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर में सीमा रक्षण के आधुनिक युग की शुरुआत हो गई। दुश्मन चाहे सीमा के उस पार हो या इस पार, इजरायली तकनीक से तैयार स्मार्ट फेंसिंग अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक दीवार की तरह काम करते हुए देशविरोधी मंसूबों को नाकाम बनाएगी।
सोमवार को स्मार्ट फेंसिंग ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही जम्मू के सीमांत मकवाल व कठुआ जिले के हीरानगर के सामने पाकिस्तानी इलाके में रहने वाले लोगों की हरकत हाई डेफीनेशन में कंट्रोल रूप में दिखने लगी। यही नहीं स्मार्ट फैंस सीमा पर अपनी तरफ के इलाकों में रहने वाले लोगों की भी बायोमीट्रिक पहचान करेगी।
गृहमंत्री ने मढ़ के निकट मकवाल में स्मार्ट फेंसिंग के काम का निरीक्षण किया। फेंसिंग इतनी आधुनिक है कि अगर अपने गांव (भारत के क्षेत्र) में कोई नया चेहरा आता है तो यह फौरन उसकी पहचान कर कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देगा। स्मार्ट फेंस के सेंसर्स ज्यादा ताकतवर हैं। जरूरत के आधार पर उनकी रेंज कम की जा सकती है।
मकवाल में गृहमंत्री को दिखाया कि किस तरह से फेंसिंग संदिग्ध हरकत को पकड़ कर हाई डेफीनेशन कैमरे को वहां केंद्रित कर देता है। पूरा सिस्टम नेट पर आधारित है, ऐसे में अगर गृहमंत्री चाहें तो वह फेंसिंग के हालात अपने कार्यालय या फिर अपने आई फोन पर देख सकते हैं।
दूर से स्मार्ट फेंसिंग को कमांड भी दी जा सकती है। इजरायल की आधुनिक तकनीक पर आधारित पायलट प्रोजेक्ट के तहत जम्मू संभाग के कठुआ जिले के हीरानगर व जम्मू के मकवाल में 11 किलोमीटर स्मार्ट फेंसिंग उस इलाके में बनी है यहां सीमा पार से दुश्मन की सबसे अधिक शरारते होती हैं।
जम्मू संभाग में एक जगह पर 5.5 किलोमीटर और दूसरी जगह 5.3 किमी फेंस लगी है। यह पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जल्द पीछे बची 191 किलोमीटर आइबी पर भी स्मार्ट फेंसिंग लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्य में 202 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा में से चिनाब के पार दस किलोमीटर सेना के पास है।
इतनी ही नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल के पास है। मौसम की चुनौतियों, मानवीय खामियों के कारण आतंकवादी कई कई बार सीमा पर फेंसिंग के सामान्य तार काटने में कामयाब रहते हैं। इसकी जानकारी मिलने तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में सीमा व साथ लगते इलाकों में आतंकी कई बार बड़े हमले कर चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस समय चार मुख्य चुनौतियों हैं। इनमें घुसपैठ, जमीन के नीचे सुरंगें, किसी जुगाड़ से फैंस पार करने व गोलीबारी मुख्य हैं। अति आधुनिक यंत्रों, सेंसर्स व हाई डेफीनेशन कैमरे, राडार, लेजर दीवार से लैस स्मार्ट फें¨सग, जमीन, सुरंग व किसी अन्य तरीके से फैंस को नाकाम बनाने की साजिश नकारेगी। सीमा सुरक्षा बल के अडिशनल डीजी लॉजिस्टिक एके शर्मा ने बताया कि फेंस में लगे सेंसर्स कदमों की आहट से लेकर हल्के से हल्के स्पर्श को महसूस करने में सक्षम हैं।
सेंसर, थर्मल इमेजर, राडार, कैमरा किसी भी हरकत के बारे में कमांड सेंटर को सचेत करेगा। कमांड सेंटर कार्रवाई करने के लिए इसकी सूचना एक्शन पार्टीस को देगा। इस फेंस के नीचे से कोई टनल बनाना संभव नहीं होगी। फें¨सग पता लगा लेगी कि यह स्पर्श इंसान का है या जानवर का। यह फेंसिंग फौरन सूचना भेजेगी कि किस हिस्से में संदिग्ध हरकत महसूस की गई है और इसमें विजुअल भी होंगे। संवेदनशील सेंसर जमीन के ऊपर व अंदर किसी भी प्रकार के कंपन को महसूस कर सूचित करेंगे। इस फेंस पर मौसम का असर नहीं होगा। जिन स्थानों पर ज्यादा जरूरत होगी वहां पर लेजर दीवार भी उपलब्ध रहेगी।
स्मार्ट फेंस से अधिक सुरक्षित होगी सरहद
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा की पहली शर्त सीमाओं की सुरक्षा है। स्मार्ट फेंसिंग से देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित बनाई जाएंगी। दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए देश की सीमा के 2026 किलोमीटर संवेदनशील हिस्से में अत्याधुनिक सेंसर्स, ग्राउंड राडार, थर्मल इमेजर व लेजर से लैस स्मार्ट फेंस स्थापित की जाएगी।
जम्मू में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत ग्यारह किलोमीटर स्मार्ट फेंस का उद्घाटन करने के बाद गृहमंत्री ने कहा कि नवंबर में असम में भी साठ किलोमीटर लंबी स्मार्ट फेंस शहीदों को समर्पित की जाएगी। सीमा सुरक्षा बल फ्रंटियर मुख्यालय में स्मार्ट फेंस का ई-उद्घाटन करने के बाद गृहमंत्री ने कहा कि स्मार्ट फेंस लगने के बाद सीमा पर पेट्रोलिंग की ज्यादा जरूरत नहीं रहेगी, जिससे जवानों के शहीद होने के मामलों में भी कमी आएगी।
कांप्रीहेंसिव इंटेगरेटेड बार्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआइबीएमएस) के पायलेट प्रोजेक्ट की अहमियत के बारे में गृहमंत्री ने बताया कि स्मार्ट फेंस से दुश्मन के मंसूबों को और भी बेहतर तरीके से नकारा जाएगा। पहले धुंध, अंधेरे में पेट्रो¨लग के दौरान पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी में अधिक जानी नुकसान होता था। हमारी ओर से भी मुंहतोड़ जवाब दिया जाता था। अब आधुनिक प्रणाली से सीमाएं और अधिक सुरक्षित होंगी।
राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने इस सीमा रक्षण प्रणाली के बारे में इस्त्राइल दौरे के दौरान जानकारी ली थी। इसके बाद इसे भारत में प्रभावी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इस मौके पर उनके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। गृहमंत्री ने बताया कि मौजूदा आधुनिक सीमा रक्षण प्रणाली को और बेहतर बनाने की दिशा में भी काम होगा। स्मार्ट फेंस के काम करने की निगरानी की जाएगी। इससे मिलने वाली फीडबैक के आधार पर स्मार्ट फेंस को और अधिक बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। हमारी पूरी कोशिश है कि देश की सरहद पूरी तरह से सुरक्षित हो।