SMC: श्रीनगर मेयर मट्टू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस, डिप्टी मेयर को कुर्सी गंवानी पड़ी
डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पहले वोटिंग हुई और 48 पार्षदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। इसके साथ ही डिप्टी मेयर की कुर्सी चली गई।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। श्रीनगर नगर निगम में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे के बीच डिप्टी मेयर शेख इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया और उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी। मेयर जुनैद मट्टू की कुर्सी बच गई। उनके खिलाफ कोरम पूरा न होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी। अविश्वास मत लाने वाले पार्षदों ने प्रस्ताव वापस ले लिया। मेयर ने विश्वास प्रस्ताव पेश कर बहुमत साबित करने का दावा किया है।
भारतीय जनता पार्टी श्रीनगर नगर निगम में फेरबदल की तैयारी में जुटी थी। निगम के 70 कॉरेपोरेटर में से भाजपा के पास चार ही कारपोरेटर हैं। कांग्रेस के सबसे ज्यादा 17, पीपुल्स कांफ्रेंस के 15, नेकां के 11 और 23 निर्दलीय कॉरपोरेटर हैं। निर्दलीयों से भी नौ के बारे में दावा किया जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
श्रीनगर के मेयर जुनैद मट्ट और डिप्टी मेयर शेख इमरान दोनों पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) से थे। शेख इमरान ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वह कांग्रेस के सहयोग से डिप्टी मेयर बने थे। बाद में पीसी में शामिल हो गए। सोमवार को डिप्टी मेयर शेख इमरान के खिलाफ अविश्वास मत लाया गया था और इसमें 47 पार्षदों के समर्थन का दावा किया गया था। अगले दिन शेख इमरान ने कथित तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया। मंगलवार को भाजपा के दानिश नबी ने 40 कॉरपोरेटरों के हस्ताक्षर के आधार पर मेयर के खिलाफ अविश्वास मत पेश कर दिया।
इसी आधार पर वीरवार सुबह जनरल हाउस की बैठक बुलाई गई थी। डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पहले वोटिंग हुई और 48 पार्षदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। इसके साथ ही डिप्टी मेयर की कुर्सी चली गई। इसके बाद नाटकीय घटनाक्रम में वोटिंग से पहले भाजपा पार्षदों ने मेयर के खिलाफ अविश्वासमत प्रस्ताव वापस ले लिया। इस पर वोटिंग के लिए आवश्यक अधिसूचना भी जारी नहीं हुई थी। मेयर के खिलाफ अविश्वासमत पर हस्ताक्षर करने वाले 40 में से 12 कॉरपोरेटरों ने अपने हस्ताक्षर फर्जी होने का दावा किया था।
कोरम पूरा न होने के कारण मेयर के खिलाफ नहीं हो पाई वोटिंग
श्रीनगर नगर निगम के सचिव सूफी मोहम्मद अकबर ने बताया कि डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कोरम पूरा न होने के कारण वोटिंग नहीं हो पाई। इसी बीच पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को वापस ले लिया। डिप्टी मेयर शेख इमरान इन बैठकों में शामिल नहीं हुए। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति दी थी, लेकिन वह खुद ही नहीं आए। उन्होंने दो दिन पहले ही अपना इस्तीफा भेज दिया था।
भाजपा कॉरपोरेटर बोले, कॉरपोरेटरों को धमकाने का आरोप
भाजपा कॉरपोरेटर नजीर और दानिश नबी बट ने कहा कि हमने सुबह ही मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया है। इसलिए मेयर को बहुमत साबित नहीं करना था। उन्होंने गैर कानूनी तरीके से अपने ही स्तर पर विश्वास मत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया व इसे अपने हक में पारित कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई कॉरपोरेटरों को धमकाया गया है, कई को पैसे का लालच दिया गया।
तीन-चार माह से रची जा रही थी साजिश : जुनैद मट्टू
जुनैद अजीम मट्ट ने आरोप लगाया कि तीन-चार माह से साजिश रची जा रही थी। मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में 40 लोगों के हस्ताक्षर हैं, उनमें से 12 ने साफ कहा कि उनके हस्ताक्षर नकली हैं। मुझे कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी व कई निर्दलीय कॉरपोटरों का समर्थन है। हम लोगों ने भाजपा को रोकने के लिए एक गठबंधन बनाया है। भाजपा नेताओं द्वारा कुछ कॉरपोरेटरों को धमकाया जा रहा है।
मेयर ने स्वयं रखा विश्वास प्रस्ताव, 54 कॉरपोरेटर का समर्थन
बदले हालात में मेयर जुनैद अजीम मट्ट ने अपने पक्ष में विश्वास मत का आग्रह किया। मेयर का दावा है कि हाउस की बैठक में मौजूद सभी 54 कॉरपोरेटर ने उसे समर्थन दिया। लिहाजा वह अपने पद पर बने रहेंगे।