श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल, हिमवीरों ने गुरेज सेक्टर के लिए राजधान दर्रे से 15 दिन पहले बर्फ हटाई
श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल हिमवीरों ने गुरेज सेक्टर के लिए राजधान दर्रे से 15 दिन पहले बर्फ हटाई
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन में श्रमिकों की कमी और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बावजूद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लद्दाख प्रांत की जीवन रेखा श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को समय से पहले बहाल कर दिया। लेह के लिए जोजिला दर्रे को ही नहीं खोला गया बल्कि उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे गुरेज सेक्टर के लिए भी सड़क को खोलने के लिए राजधान दर्रे से बर्फ निर्धारित समय से करीब 15 दिन पहले हटाई गई है।
इस बीच, बीते एक माह में 900 ट्रक आवश्यक साजोसामान लेकर लद्दाख प्रांत पहुंचे हैं। हिमवीर के नाम से विख्यात इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) के जवानों ने जोजिला से लेह तक सप्लाई चेन को नहीं टूटने दिया। कई जगह ट्रक चालकों की स्क्री¨नग व चिकित्सा की व्यवस्था करने के अलावा उनके ठहरने का भी प्रबंध किया। रात को ट्रक चालकों को दिक्कत न हो, खतरनाक पहाड़ी मोड़ों पर माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी हिमवीर तैनात रहे।
जोजिला से कारगिल तक के दुर्गम सड़क मार्ग पर यह सफर लगभग 21 दिनों में पूरा हुआ है।434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग से ही द्रास, करगिल व लेह के लिए आवश्यक सामान की आपूर्ति होती है। हिमपात के चलते इस सड़क के बंद होने से लद्दाख प्रांत का दुनिया से सड़क संपर्क कट जाता है। इसी मार्ग पर जोजिला दर्रे में हिमपात के चलते यह सड़क करीब एक दशक पहले तक सर्दियों में छह माह तक बंद रहती है। कुछ वर्षो से इसे चार माह की अवधि के बाद ही खोला जा रहा है।
बीते साल यह सड़क अप्रैल के अंतिम सप्ताह में खोली गई थी।प्रोजेक्टर बीकन के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर रवि नवेत ने कहा कि हमने इस साल मार्च के अंतिम दिनों में ही जोजिला से बर्फ हटाकर इसे यातायात योग्य बना लिया था। नागरिक वाहनों विशेषकर सप्लाई के वाहनों की आवाजाही को 11 अप्रैल में शुरू किया गया है। इस साल जोजिला दर्रे पर बर्फ पिछले साल की तुलना में ज्यादा गिरी थी। उन्होंने बताया कि राजधान पास और जोजिला में कई जगह 35 फुट तक बर्फ जमा थी। पहली बार बीआरओ ने अत्याधुनिक स्नोकटर इस्तेमाल किए हैं।