श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरबेस पर हमले की साजिश नाकाम
राज्य ब्यूरो जम्मू पुलवामा के डलीपोरा में वीरवार को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों की
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पुलवामा के डलीपोरा में वीरवार को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों की मौत से जैश-ए-मोहम्मद की श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरबेस पर हमला करने की साजिश नाकाम हो गई है। मारे गए आतंकियों में जैश कमांडर खालिद भाई, नसीर पंडित और उमर अहमद मीर हमले को अंजाम देने की तैयारी में जुटे थे। हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों के पास से जो दस्तावेज और डायरियां मिली हैं, उनमें से कुछ पर अवंतीपोरा एयरबेस और श्रीनगर एयरपोर्ट के तथाकथित नक्शे बनाए गए हैं। हाथ से बने इन नक्शों में इन संस्थानों के बारे में कुछ निशान भी लगाए गए हैं। इसके अलावा डलीपोरा (पुलवामा) और अवंतीपोरा एयरफोर्स स्टेशन के बीच कोई ज्यादा दूरी भी नहीं है। आतंकियों से मिले इन नक्शों और उनके मकसद का सुरक्षा एजेंसियां आकलन कर रही हैं। पाकिस्तान का रहने वाला जैश कमांडर खालिद बीते आठ माह से कश्मीर में सक्रिय था। बता दें कि करीब तीन साल पहले जैश के आतंकियों ने ही पठानकोट में एयरफोर्स स्टेशन पर आत्मघाती हमला किया था।
माना जा रहा है कि श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरफोर्स बेस पर हमले की साजिश नाकाम होने के बाद ही खुफिया एजेंसियों के अलर्ट जारी किया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि जैश दोबारा श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरफोर्स बेस पर हमले की कोशिश कर सकता है। इसके बाद राज्य विशेषकर पूरी वादी में सभी महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों को पहले ही अपने तंत्र से सूचना मिल रही थी कि आतंकी श्रीनगर एयरपोर्ट व अवंतीपोरा एयरबेस पर विस्फोटकों से लदे किसी वाहन से हमला करने या तीन से चार आत्मघाती आतंकियों के साथ हमला करने की अपनी पुरानी रणनीति को अपना सकते हैं। इस बीच, शुक्रवार सुबह एक उच्चस्तरीय बैठक में श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरफोर्स बेस की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए इसमें व्यापक सुधार किए गए। इसके अलावा हाईवे और सभी महत्वपूर्ण इमारतों पर चिन्हत स्थानों पर सीसीटीवी भी पूरी तरह सक्रिय किए गए हैं। इन संस्थानों में आने जाने वाले आम लोगों की भी सक्रीनिग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बहुत अहम हैं श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरबेस :
श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरबेस दोनों सामरिक और रणनीतिक रूप से बहुत अहम हैं। चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में ये दोनों भारतीय वायुसेना की हमलावर कार्रवाईयों का बेस होते हैं। वर्ष 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध और करगिल युद्ध में यहां से भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान दुश्मन के ठिकानों पर बमवर्षा के लिए निकले थे। दुश्मन मुल्कों के निशाने पर यह दोनों एयरबेस हमेशा से रहे हैं। इसके अलावा राज्य में किसी भी आपदा के समय वायुसेना के राहत अभियान भी इन्हीं जगहों से शुरू होते हैं। मिग, मिराज, जैगुआर समेत सभी प्रमुख युद्धक विमान अवंतीपोरा एयरबेस पर रहते हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट भी टेक्निकल एयरपोर्ट है और इसका अधिकांश हिस्सा वायुसेना के पास ही है। वायुसेना के विमानों को यहां से अक्सर अभ्यास उड़ानों पर जाते हुए देखा जा सकता है। पहले भी हो चुके हें हमले :
-03 अक्तूबर 2017 : जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर हमले का प्रयास किया था, लेकिन वह एयरपोर्ट पर रनवे की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली बीएसएफ की 182वीं वाहिनी के शिविर में फंस गए। इस हमले में दो आतंकी मारे गए थे और एक जवान भी शहीद हो गया था।
-17 जनवरी 2001 : आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर हमला किया था, लेकिन वह अंदर नहीं घुस पाए। इस हमले में छह आतंकी, तीन सुरक्षाकर्मी शहीद, एक बैंक अधिकारी और एक नाबालिग समेत 11 लोग मारे गए थे।
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