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माता वैष्णो देवी में पोर्टरों के लिए नई डिजाइन की पालकी लांच, श्रद्धालुओं को भवन तक ले जाने में होगी सुविधा

राज्यपाल ने कहा कि नई पालकी श्रद्धालुओं के लिए आरामदेह होगी। हमारी कोशिश है कि श्री माता वैष्णो देवी की यात्र पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं दी जाएं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 11:04 AM (IST)
माता वैष्णो देवी में पोर्टरों के लिए नई डिजाइन की पालकी लांच, श्रद्धालुओं को भवन तक ले जाने में होगी सुविधा
माता वैष्णो देवी में पोर्टरों के लिए नई डिजाइन की पालकी लांच, श्रद्धालुओं को भवन तक ले जाने में होगी सुविधा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नई आधुनिक डिजाइन वाली नई पालकी और पोर्टरों के लिए जैकेट लांच की। श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने पालकी और जैकेट जारी किया।

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श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की तीसरी वर्षगांठ पर समारोह आयोजित किया गया। पालकी को आइआइटी बाम्बे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग ने डिजाइन किया है। इसका सबसे अधिक लाभ पालकी उठाने वालों और पालकी में बैठने वाले श्रद्धालुओं को होगा। पालकी श्रद्धालुओं के लिए आरामदेह है। पोर्टरों के लिए जैकेट लांच की गई है। जैकेट पहनने से पालकी का भार कंधों पर कम पड़ेगा।

श्रद्धालुओं के लिए आरामदेह होगी यह पालकी

राज्यपाल ने कहा कि नई पालकी श्रद्धालुओं के लिए आरामदेह होगी। हमारी कोशिश है कि श्री माता वैष्णो देवी की यात्र पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं दी जाएं। बताते चलें कि पालकी का भार 34 किलोग्राम है। यह स्टील की बनी हुई है। एक सौ पालकियां उपलब्ध करवाई गई हैं।

एक पालकी पर 16 हजार रुपये खर्च : सिमरनदीप सिंह

वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने कहा एक पालकी पर 16 हजार रुपये खर्च आया है। पुरानी लोहे की पालकी का भार 52 किलोग्राम था। उसे उठाने वालों के कंधे थक जाते थे। श्रद्धालु की गर्दन और पीठ में दर्द हो जाती थी। नई पालकी को चार लोग उठाएंगे और इन चार लोगों को नई तैयार की गई जैकेट भी मिलेगी। जैकेट के पहनने से पालकी उठाने वालों के कंधे पर दर्द नहीं होगा। नई आधुनिक पालकी में जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है पालकी की दिशा का पता चल सके।


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