एसपी ट्रैफिक प्रदीप गोरिया ने कहा- लोगों की सुरक्षा के लिए हैं ट्रैफिक नियम, पालन करना चाहिए
यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। धूप बारिश के बीच ट्रैफिक कर्मी नियमों का पालन करवाने और यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए तैनात रहते है।
जम्मू, दिनेश महाजन। जम्मू शहर व उसके बाहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कई अहम कदम उठाए हैं। इनके परिणाम भी देखने को मिल रहे है, लोगों को चाहिए कि वे यातायात नियमों का पूर्ण रूप से पालन करें। यह नियम ना सिर्फ चालक, उसके साथ वाहन में बैठे लोगों और राहगीरों की सुरक्षा के लिए होते हैं। हम सभी को इसका नितमयता से पालन करना चाहिए। यह बात एसपी ट्रैफिक प्रदीप सिंह गोरिया ने दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता दिनेश महाजन से विशेष बातचीत में कही। गोरिया मौजूदा समय में एसएसपी ट्रैफिक जम्मू का पद्भार भी संभाल रहे है।
प्र. ट्रैफिक कर्मी सड़कों पर नाके लगा कर चालकों के चालान काटते हुए देखे जा सकते है, लेकिन चालकों को जागरूक करने के लिए पुलिस कोई विशेष अभियान क्यों नहीं चलाती?
उ. यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। धूप बारिश के बीच ट्रैफिक कर्मी नियमों का पालन करवाने और यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए तैनात रहते है। यहां तक जागरूकता की बात है इसके लिए हर वर्ष विशेष सप्ताह आयोजित किया जाता है। इसके अलावा ट्रैफिक नियमों के प्रति स्कूल एवं कालेज के छात्रों को जागरूक करने के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति बनाई है, लेकिन कोविड-19 के चलते शिक्षा संस्थान बंद है।
प्र. शहर के कौन से ऐसे क्षेत्र हैं जहां आप ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना चाहते है?
उ. शहर में कई क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी है जहां ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है। न्यू प्लॉट से लेकर जानीपुर क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या है। यहां समस्या का एक कारण सड़क की चौड़ाई कम होना और वाहनों का बहुत अधिक प्रेशर होना भी है। ट्रैफिक विभाग के कर्मचारी इस रोड पर यातायात को सुचारू करने के लिए लगे रहते है। इसके अलावा तालाब तिल्लो व कुछ अन्य इलाके उनके वाहनों के दबाव को कम करने के लिए काम किया जाना है।
प्र. सड़क हादसों के मुख्य कारण क्या हैं? उन्हें कैसे रोका जा सकता है?
उ. आधे से अधिक सड़क हादसे मानवीय गलतियों के कारण होते हैं। इन्हें रोकने के लिए विभाग इस समय काम कर रहा है। हर जगह ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात करना संभव नहीं है। अगर किसी को लगता है कि किसी विशेष जगह पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो इसकी सूचना ट्रैफिक विभाग को दी जा सकती है। लोगों में स्वयं भी नियमों को लेकर जागरूकता होनी चाहिए। लोागें के सहयोग के बिना सड़क हादसों को नहीं रोक जा सकता है।
प्र. अवैध पार्किंग बहुत बड़ी समस्या है, इसके निपटने के लिए क्या रणनीति होगी?
उ. शहर में उन खाली जगहों की तलाश की जाएगी जहां पार्किंग संभव हो पाए। जिन लोगों के पास खाली प्लाट है उन्हें पार्किंग स्थल में तबदील करने की सलाह दी जाएगी। अगर लोग इन जगहों पर पार्किग बनाएं तो इससे उन्हें आय भी होगी। शहर के बीच लोगों को गाड़ी पार्क करने के लिए जगह भी मिलेगी। इससे भी समस्या का समाधान होगा। किसी को भी सड़क पर वाहन पार्क करने की इजाजत नहीं है।
प्र. मौजूदा समय में स्कूल बंद हैं लेकिन जब खुलेंगे तो वह भी ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ देते हैं?
उ. मुझे यह जानकारी मिली है कि शहर में कई जगह पर स्कूल बसें बच्चों को उनके गेट तक छोड़ने के लिए जाती हैं। इससे भी कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि वे बच्चों के लिए हर मोहल्ले में एक स्टाप निर्धारित करें, जहां से बच्चे बस पकड़ सकें। वापसी पर वहीं पर उतर सकें। इससे शहर के भीतर की ट्रैफिक समस्या पर थोड़ा फर्क पड़ सकता है।
प्र. ट्रैफिक सिग्नल मनमर्जी से चलते हैं। सिग्नल लाइट पर सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, वह कहां तक पहुंची?
उ. जहां तक मेरी जानकारी है, जिन स्थानों में सिग्नल लाइन की अहमियत है, वहां सिग्नल लाइट काम कर रही हैं। सिग्नल लाइट नगर निगम ने लगाई हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए टेंडर भी नगर निगम ने ही जारी किया है। जो कमियां रह गई हैं उसे दूर करने के लिए वह निगम अधिकारियों से बात कर उन्हें दूर करेंगे।
प्र. सुना है आप की पृष्ठ भूमि गांव की है, कैसा रहा आपका अब तक का अनुभव?
उ. मेरा जन्म जम्मू संभाग के पर्वतीय क्षेत्र जिला रामबन के बनिहाल में हुआ। स्कूली शिक्षा जिला ऊधमपुर में ग्रहण की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए जम्मू आ गया। ऊधमपुर में पढ़ाई करने के दौरान मेरे चाचा राज सिंह गोरिया वर्ष 2001 में जेकेपीएस अधिकारी चुने गए थे। उन्हें अकसर ट्रेनिंग के लिए शेर-ए-कश्मीर पुलिस अकादमी में बुलाया जाता था। इस दौरान उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी करने का फैसला ले लिया था। वर्ष 2008 में मैं जेकेपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस विभाग में भर्ती हो गया। अब तक के कार्यकाल के दौरान कश्मीर के कई जिलों में आतंकवाद विरोधी दस्ते में काम किया। इसके अलावा जिला राजौरी में डीएसपी रहा। विजीलेंस विंग में बतौर डीएसपी काम किया। वहां से एसपी पदोन्नत होकर कश्मीर में बटालियन में तैनात रहा। अब एसपी ट्रैफिक जम्मू के पद पर कार्यरत हूं।