Move to Jagran APP

'सौभाग्य' बनी जम्मू कश्मीर के लद्यु उद्योग का दुर्भाग्य

सितंबर 2018 तक देश के चार करोड़ परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन देने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर 2017 में शुरू की गई सौभाग्य योजना अब जम्मू-कश्मीर के उद्योग का दुर्भाग्य बन गई है। राज्य में प्रधानमंत्री के हर घर बिजली देने के सपने को साकार करते-करते स्थानीय लघु उद्योग आज खुद संकट में आ गया है। राज्य में यह योजना तो सफल हो गई लेकिन इसे सफल बनाने में अहम योगदान देने वाला उद्योग जगत आज अपने पैसा पाने के लिए सरकारी औपचारिकताओं में पिस रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 11:43 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 11:43 AM (IST)
'सौभाग्य' बनी जम्मू कश्मीर के लद्यु उद्योग का दुर्भाग्य
'सौभाग्य' बनी जम्मू कश्मीर के लद्यु उद्योग का दुर्भाग्य

ललित कुमार, जम्मू

loksabha election banner

सितंबर 2018 तक देश के चार करोड़ परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन देने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर 2017 में शुरू की गई सौभाग्य योजना अब जम्मू-कश्मीर के उद्योग का दुर्भाग्य बन गई है। राज्य में प्रधानमंत्री के हर घर बिजली देने के सपने को साकार करते-करते स्थानीय लघु उद्योग आज खुद संकट में आ गया है। राज्य में यह योजना तो सफल हो गई लेकिन इसे सफल बनाने में अहम योगदान देने वाला उद्योग जगत आज अपने पैसा पाने के लिए सरकारी औपचारिकताओं में पिस रहा है।

केंद्र प्रायोजित सौभाग्य योजना को सफल बनाने के लिए उद्योगपतियों ने बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, बिजली के तार व पावर ट्रांसमिशन कंडक्टर सहित अन्य सभी आवश्यक उपकरण पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पीडीडी) को सप्लाई किये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए उद्यमियों ने बिना शर्त सप्लाई की, लेकिन समय पर भुगतान न हुआ। आज लघु उद्योगों का 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान फंस गया है। बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने वाले छोटे-छोटे उद्योगपतियों की ऋण की किश्तें रुक गई हैं। अब उद्योगों को एनपीए का डर सता रहा है। पैसा फंसने से इन उद्योगों का उत्पादन प्रभावित हो गया है। अब ये उद्योगपति पैसा लेने के लिए एक टेबल से दूसरे टेबल के चक्कर काट रहे हैं। दिसंबर 2017 में हुई थी लांच सौभाग्य योजना

देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी यह योजना दिसंबर 2017 में लांच हुई। तत्कालीन उप मुख्यमंत्री और विद्युत मंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने 11 दिसंबर को सौभाग्य (सहज बिजली हर घर योजना) योजना को लांच करते हुए कहा था कि मतगणना सर्वेक्षण 2011 में चिन्हित परिवारों को 500 रुपये में बिजली कनेक्शन मिलेगा। यह 500 रुपये उन्हें बिल के साथ दस किश्तों में अदा करने होंगे। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं का मौके पर ही रजिस्ट्रेशन किया गया था। अवार्ड भी पा चुका है राज्य

देश में सबसे पहले योजना के तहत 100 फीसद घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए जम्मू-कश्मीर को मार्च 2019 में सौभाग्य एक्सीलेंस अवार्ड मिला है। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने यह अवार्ड हासिल किया था। अवार्ड के रूप में ढांचागत विकास के लिए 100 करोड़ रुपये और सौभाग्य योजना की सफलता बनाने वाले पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के अधिकारियों में प्रोत्साहन राशि के रूप में बांटने के लिए 50 लाख रुपये मिले थे।

चंद भ्रष्ट बाबुओं के कारण रुका भुगतान

बिजली विभाग के चंद भ्रष्ट बाबुओं के कारण उद्योगपतियों का भुगतान रूका हुआ है। विभाग में ऐसे कुछ लोग है जो पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रहे लघु उद्योग के विरुद्ध काम कर रहे हैं। उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री के हर घर तक बिजली पहुंचाने के सपने को साकार करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। बैंकों से ऋण लेकर सप्लाई की। आज छह महीने से भी अधिक समय हो गया है, कोई भुगतान नहीं हुआ। अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो लघु उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा।

-राकेश गुप्ता, प्रधान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू 60 फीसद हो चुका है भगुतान

सौभाग्य योजना के तहत भुगतान किया जा रहा है। अभी तक 60 फीसद भुगतान हुआ है। जो सप्लाई प्राप्त हुई थी, उनका भुगतान अलग-अलग हैड में होना है। ऐसे में योजना के तहत लिए गए सामान को विभिन्न हैड में बांटा जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न डिवीजन से भी लेखाजोखा हासिल किया जा रहा है। इसमें कुछ समय अवश्य लगेगा, लेकिन जल्द सबका भुगतान कर दिया जाएगा।

-सुधीर गुप्ता, चीफ इंजीनियर पीडीडी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.