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Jammu: जल्द ही जम्मू रेलवे स्टेशन पर शॉपिंग का लुत्फ भी उठा पाएंगे यात्री

डिवीजनल रेलवे मैनेजर राजेश अग्रवाल ने कहा कि जम्मू रेलवे स्टेशन में आने वाले माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए रेलवे स्टेशन में संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 02:15 PM (IST)
Jammu: जल्द ही जम्मू रेलवे स्टेशन पर शॉपिंग का लुत्फ भी उठा पाएंगे यात्री
Jammu: जल्द ही जम्मू रेलवे स्टेशन पर शॉपिंग का लुत्फ भी उठा पाएंगे यात्री

जम्मू, दिनेश महाजन। माता वैष्णो देवी यात्रा के आधार शिविर कहे जाने वाले जम्मू रेलवे स्टेशन में को विकसित करने के लिए रेलवे मुख्यालय ने मंजूरी दे दी है। जल्द हीं जम्मू रेलवे स्टेशन में यात्री शापिंग माल की तर्ज पर ब्रांडिड सामान की खरीदारी कर पाएंगे। इसके अलावा रेलवे स्टेशन में हवाई अड्डे की तर्ज पर यात्री लाउंज, डोरमेट्री के अलावा भूमिगत सुरंग टनल जैसी सुविधाएं भी पा सकेंगे। जम्मू रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए रेलवे ने 180 करोड़ रुपये की लगाने से बनने वाली दूसरे एंट्री गेट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। निर्माण कार्य को अंजाम देने से पूर्व रेलवे स्टेशन के आउटर में विकास कार्य को अंजाम देने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। स्टेशनप के दूसरे एंट्री गेट में सात नए प्लेटफार्म बनाए जा रहे है। स्टेशन के पुराने और नए प्लेटफार्म को आपस में मिलाने के लिए सब-वे (भूमिगत टनल) बनाया जा रहा है।

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जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य : फिरोजपुर डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर राजेश अग्रवाल का कहना है कि जम्मू रेलवे स्टेशन में आने वाले माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए रेलवे स्टेशन में संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है। डिवीजन के प्रस्ताव को रेलवे मुख्यालय ने मंजूरी दे दी है, जिसका काफी समय से इंतजार हो रहा था। जैसे ही धनराशि जारी होगी, उसी के साथ निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

पांच दशकों से जम्मू रेलवे स्टेशन का ढांचा जस का तस बना हुआः  वर्ष 1970 में जम्मू रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ था। उस समय जम्मू रेलवे स्टेशन में तीन प्लेटफार्म बनाए गए थे। दो ही वाशिंग लाइन थी। पांच दशक बीत जाने के बावजूद जम्मू रेलवे स्टेशन में ढांचे का विस्तार नहीं हुआ है। आज भी रेलवे स्टेशन में तीन ही प्लेटफार्म और उतनी हीं लाइन हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन से रोजाना तीस रेलगाड़ियां आती और इतनी हीं रवाना होती हैं। इन रेलगाड़ियों की सफाई से लेकर मरम्मत भी जम्मू रेलवे स्टेशन में ही होती है। रेलगाड़ियों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन अभी तक रेलवे स्टेशन का विस्तार नहीं हो पाया है।

ठंडे बस्ते में पड़ गया पीपीपी फार्मूलाः रेलमंत्री सुरेश प्रभु अपने कार्यकाल के दौरान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत देश के 23 रेलवे स्टेशन निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई थी। इनमें जम्मू रेलवे स्टेशन भी शामिल है, जिसे विकसित किया जाना है। नॉदर्न रेलवे के अधीन आने वाले जम्मू रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए निजी कंपनियों ने जम्मू रेलवे स्टेशन का दौरा करवाया था। इसके बाद 28 जून 2017 को ऑनलाइन नीलामी भी हुई थी, इसमें दो कंपनियों ने जम्मू रेलवे स्टेशन को विकसित करने में दिलचस्पी दिखाई थी। इस योजना के तहत निजी कंपनी को रेलवे स्टेशन में 3000 करोड़ का न्यूनतम निवेश कर उसे विकसित करना था। जिसमें होटल, मॉल और लजीज व्यंजनों के स्टाल के साथ मनोरंजन के साधन भी विकसित किए जाने थे। सुरेश प्रभु के रेलमंत्री के पद से हटते हीं पीपीपी मोड़ की योजना ठंडे बस्ते में चली गई।


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