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GMC Jammu: किसी ने जीएमसी में आइसोलेशन वार्ड की बंद कर दी आक्सीजन सप्लाई, एफआइआर दर्ज

जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कुछ मरीजों ने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इससे वहां पर मौजूद स्टाफ तुरंत हरकत में आया और दस मिनट में ही आक्सीजन सप्लाई को बहाल करवा दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:25 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:25 AM (IST)
GMC Jammu: किसी ने जीएमसी में आइसोलेशन वार्ड की बंद कर दी आक्सीजन सप्लाई, एफआइआर दर्ज
अगर समय पर कार्रवाई न होती तो वार्ड में ळार्ती मरीजों की जान भी जा सकती थी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: राजकीय मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में बीते बुधवार को कुछ देर के लिए अचानक आक्सीजन सप्लाई बंद हो गई। वार्ड में हालांकि कम ही मरीज थे लेकिन उन्होंने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। इसके बाद वार्ड में मौजूद सभी कर्मचारी हरकत में आए।

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मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग को सूचित किया तो पता चला कि कोई सप्लाई को बंद कर गया था। हालांकि इसमें किसी मरीज की जान तो नहीं गई मगर मैकेनिकल इंजीनियरिंग ने जीएमसी पुलिस चौकी में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। यह मामला बुधवार शाम का है। जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कुछ मरीजों ने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इससे वहां पर मौजूद स्टाफ तुरंत हरकत में आया और दस मिनट में ही आक्सीजन सप्लाई को बहाल करवा दिया। लेकिन इसके बाद आक्सीजन बंद होने के कारणों का पता लगाया जाने लगा।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने सभी से पूछताछ भी की कि कहीं किसी की गलती के कारण वार्ड में सप्लाई तो बंद नहीं हुई। लेकिन जब किसी ने भी गलती स्वीकार नहीं की तो वीरवार शाम को मेकेनिकल विभाग के एईई ने एफआईआर दर्ज करवा दी। एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिखा है। यह अज्ञात लोगों के खिलाफ है। इसकी पुष्टि पुलिस ने भी की है। कहा जा रहा है कि आक्सीजन सप्लाई होने वाली पाइप के वाल को बंद कर दिया गया था। अब इस मामले की जांच की जा रही है। लेकिन अगर समय पर कार्रवाई न होती तो वार्ड में ळार्ती मरीजों की जान भी जा सकती थी।

मामले की जांच करवाई जा रही: प्रिंसिपल - जीएमसी की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि आइसोलेशन वार्ड में 14 मरीज भर्ती थे। उस समय डा. अंजू सहित कुल 11 स्वास्थ्य कर्मी भी वार्ड में थे। अचानक उन्होंने देखा कि मरीजों का आक्सीजन स्तर कम हो रहा है तो तुरंत इसकी जानकारी उन्होंने मेडिकल सुपरिटेंडेंट और मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग को दी। वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर भी रखे थे। डाक्टरों ने बैकअप से आक्सीजन सप्लाई की। इससे मरीजों की जान तो बच गई लेकिन अभी किस ने वाल्व बंद किए। इसका पता नहीं चला। प्रिंसिपल का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी को जांच सौंपी गई है। फिंगर प्रिंट लेने की भी कोशिश की गई है। प्रिंसिपल का कहना है कि अब सुरक्षा कर्मचारियों को नियुक्त करने के अलावा आक्साीजन प्लांट के पास सीसीटीवी लगाए गए हैं। जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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