कल तक जहां होती थी भारत की निंदा, उसी कुपवाड़ा में तिरंगा रैली निकाल लगे पाक-चीन के खिलाफ नारे
कश्मीर भाजपा में मीडिया प्रभारी मंजूर बट ने कहाकि चीन को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि आज का हिंदोस्तान 1962 का हिंदोस्तान नहीं है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में बदलते हालात का असर नारेबाजी में भी दिख रहा है। कल तक पाकिस्तान समर्थक और अलगाववादी भारत की निंदा करते हुए जो नारे लगाते थे आज वहीं नारे अब पाकिस्तान और चीन के खिलाफ गूंजने लगे हैं। उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे कुपवाड़ा में स्थानीय लोगों ने तिरंगा लेकर चीनी विरोधी रैली निकाली। रैली में खासी संख्या में युवाओं ने भारतीय सेना का हौसला बढ़ाते हुए चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील की। उन्होंने चीन में निर्मित एलईडी स्क्रीन के अलावा चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग का पुतला भी जलाया।
स्थानीय लोगों की तिरंगा रैली में भाजपा की स्थानीय इकाई के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। तिरंगा लेकर लोग जिला मुख्यालय के विभिन्न बाजारों से गुजरे। हिंदोस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए लोग चीनी और पाकिस्तान के खिलाफ भी नारेबाजी करते नजर आए। रैली पूर्वी लद्दाख में चीन के अतिक्रमण के खिलाफ थी। इसमें शामिल लोगों ने यह रगड़ा- चीन रगड़ा, यह रगड़ा-पाकिस्तान रगड़ा, रगड़ो-रगड़ो चीन को रगड़ो के नारे खूब लगाए। लोगों ने कहा कि चीन को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि अब कश्मीर बदल चुका है। पाक को भी यहां आतंकवाद को हवा देना बंद कर देनी चाहिए।
कश्मीर भाजपा में मीडिया प्रभारी मंजूर बट ने कहाकि चीन को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि आज का हिंदोस्तान 1962 का हिंदोस्तान नहीं है। अब हिंदोस्तान बदल चुका है। हमारी फौज उसे किसी भी जगह धूल चटाने में समर्थ है। कुपवाड़ा जो एलओसी के साथ सटा हुआ है,वहां गूंजे नारे जरूर एलओसी के पार भी सुने गए होंगे।