Jammu Kashmir : मुझे उम्मीद थी इंसाफ होगा, अब वह घड़ी नजदीक है
शहीद स्कवाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी शालिनी खन्ना उर्फ निर्मल खन्ना कहती हैं कि मुङो विश्वास था कि एक न एक दिन जरूर इंसाफ होगा और पति की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । 25 जनवरी 1990 की उस काली सुबह इंसानियत के दुश्मनों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर एयरफोर्स अधिकारी स्कवाड्रन लीडर रवि खन्ना और उनके चार साथियों को शहीद कर दिया। तीन दशक तक वीरांगना इंसाफ के लिए लड़ती रही। कोई सुनने वाला नहीं था पर उन्होंने हार नहीं मानी। अब जेकेएलएफ प्रमुख पर आरोप तय होने से उन्हें लगता है कि उनका संघर्ष जल्द रंग लाएगा।
शहीद स्कवाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी शालिनी खन्ना उर्फ निर्मल खन्ना कहती हैं कि मुङो विश्वास था कि एक न एक दिन जरूर इंसाफ होगा और पति की शहादत बेकार नहीं जाएगी। अब वह घड़ी नजदीक है। उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक के बावजूद मैंने कभी पति को अलविदा नहीं कहा। वह कहती हैं कि आधी लड़ाई उसी दिन जीत गई थी जिस दिन वर्तमान सरकार ने मेरे पति के शौर्य का सम्मान करते हुए उनका नाम शहीदी स्मारकों में लिखा। अब फैसला कोर्ट से जल्द आने की उम्मीद है। उनका कहना है कि पहले की सरकारों में मामला लटका रहा और इस सरकार ने खामियों को दुरुस्त किया। वह इसका लंबे समय से इंसाफ का इंतजार कर रही हैं। यहां बता दें कि वायुसेना अधिकारियों की हत्या मामले में टाडा कोर्ट ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक पर आरोप तय कर दिए हैं।
उस सुबह ने कर दिया जीवन में अंधेरा
शालिनी खन्ना का कहना है कि 25 जनवरी 1990 की उस सुबह स्कवाड्रन लीडर रवि खन्ना वर्दी पहन कर ड्यूटी के लिए निकले थे। शालिनी बताती हैं कि उस दिन उन्होंने पति को कहा था कि घर से वर्दी पहनकर न जाएं लेकिन वह बोले कि वर्दी तो एक सैनिक की आन है। चार मिनट बाद ही गोलियां चलने की आवाज सुनाई दीं। घटनाक्रम घर से बमुश्किल पचास कदम की दूरी पर था। बाहर कफर्यू था। अनहोनी के डर से वह घर की छत पर चली गई। कुछ समय बाद देखा कि सेना के कुछ जवान आए। उन्होंने देखा कि उनके पति के सूटकेस में गोली लगी हुई है और एक जवान ने उन्हें उठाया है। उन्हें लगा कि उनके पति के साथ कुछ हुआ है। उनके पति का शरीर खून में लथपथ था। उन्हें बदामी बाग कैंट अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हत्यारों ने पूरी मैगजीन खाली कर दी थी।
पिछले साल शहादत को मिला मान
शहीद रवि खन्ना की शहादत को मान मिलने में ही तीन दशक लग गए। पिछले साल अक्टूबर माह में उनका नाम नेशनल वार मेमोरियल में दर्ज किया गया।
हैवानियत : हत्या कर हवा में बंदूकें लहराकर नाच रहे थे दरिंदे
आतंकी हमले के दिन के बारे में शालिनी ने आतंकी की हैवानियत का जिक्र करते हुए बताया कि हत्या के बाद आतंकी हवा में बंदूकें लहराकर नाच रहे हैं। आजादी के नारे लगा रहे हैं। सेना के जवानों के पहुंचने के साथ ही वह वहां से भाग गए। उन्होंने दावा कि जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य दो ने उनके पति की हत्या की।