Jammu : रोजगार के लिए कृषि सेक्टर में आगे आएं युवा, ऐसा कर वे अच्छी आमदनी बना सकेंगे
प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नही मिल सकती। लेकिन कृषि सेक्टर में बहुत कुछ है और युवा यहां आकर अपना रोजगार तो निकाल ही सकते हैं वही कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता : शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी -जम्मू के उप-कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि पहले कृषि सेक्टर में सही आंकलन करना व सही प्रक्रिया का पालन करते हुए कृषि आधारित कारोबार शुरू किया जा सकता है। वह मासिक कृषि-उद्यमिता स्टार्टअप प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर संबोधित कर रहे थे।
यह कार्यक्रम एग्री-बिजनेस स्कास्ट जम्मू द्वारा कराया गया था। प्रशिक्षण के इस कार्यक्रम का मकसद अपना कामकाज शुरू करने वाले लोगों का सही दिशा में मार्गदर्शन कर उनकी राह आसान बनाना था। उनको तकनीकी सहाल देकर उनके हौंसलों पर पंख लगाना था।
प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नही मिल सकती। लेकिन कृषि सेक्टर में बहुत कुछ है और युवा यहां आकर अपना रोजगार तो निकाल ही सकते हैं, वही कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं। युवा छात्रों को सलाह दी कि वे अपने नवीन विचारों के साथ आगे आएं और कृषि-उत्पादों का मूल्यवर्धन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग में दक्षता विकसित करना और कृषि-व्यवसाय उत्पादों का विपणन में काम करें।
ऐसा कर वे अच्छी आमदनी बना सकेंगे। प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि उन्होंने कई किसानों को बहुत अच्छी आमदनी कृषि से बनाते देखा है। दूसरे भी ऐसा कर सकते हैं। मौके पर डायरेक्टर रिसर्च डा. जगपाल शर्मा भी उपस्थित थे।
कृषि निदेशक ने धान मंडियों का निरीक्षण किया : कृषि उत्पादन व किसान कल्याण विभाग के निदेशक केके शर्मा ने जम्मू, कठुआ व सांबा में खुली धान खरीद मंडियों का निरीक्षण किया। यह मंडिया एफसीआई द्वारा कृषि विभाग के सहयोग से खोली गई हैं। कृषि निदेशक ने मौके पर अधिकारियों की एक बैठक भी ली। इस दौरान संयुक्त निदेशक मार्केटिंग एस एस रीन, मुख्य कृषि अधिकारी अरविंद, संजय वर्मा, सत्य प्रकाश, गोपाल कृष्ण भी उपस्थित थे। एक धान खरीद केंद्र पर किसानों को संबोधित करते हुए कृषि निदेशक ने कहा कि जम्मू्, कठुआ व सांबा में किसान अब मंडियों पर आसानी से अपना उत्पाद बेच सकेंगे। क्योंकि सारी प्रक्रिया अब डिजिटल है और किसानों को कोई दिक्कत नही आएगी। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा स्थापित किए गए ई पोर्टल पर किसान द्वारा बेची जाने वाली धान की सारी जानकारी दर्ज होगी। ऐसे में किसानों को परेशानी नही होगी और उनको समय पर भुगतान भी मिल जाएगा। इस ई पोर्टल पर अब तक एक हजार किसान पंजीकृत हो चुके हैं। माल जमा कराने के 72 घंटे के भीतर भीतर किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा। कृषि निदेशक ने किसानाें को सलाह दी कि वे माल की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें।