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जम्मू की संगीता के हौसलों के आगे धीमा पड़ गया एवरेस्ट पर चल रहा तूफान

जुनून को हकीकत में बदलकर दिखाया है जम्मू में जन्मीं संगीता बहल ने जो विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतेह कर सोमवार को ही आधार शिविर में लौटी हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 10:42 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 02:44 PM (IST)
जम्मू की संगीता के हौसलों के आगे धीमा पड़ गया एवरेस्ट पर चल रहा तूफान
जम्मू की संगीता के हौसलों के आगे धीमा पड़ गया एवरेस्ट पर चल रहा तूफान

जम्मू, विकास अबरोल। जीवन में अगर लक्ष्य बड़ा हो, तो चुनौतियां से सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए। इससे न सिर्फ मार्ग में आने वाली बड़ी से बड़ी बाधाएं भी छूमंतर हो जाती हैं बल्कि लक्ष्य की भी प्राप्ति हो जाती है। अपने इस जुनून को हकीकत में बदलकर दिखाया है जम्मू में जन्मीं संगीता बहल ने जो विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतेह कर सोमवार को ही बेस कैंप में लौटी हैं।

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सफल उद्यमी से पर्वतारोही बनीं संगीता 

मिस इंडिया की पूर्व फाइनलिस्ट और सफल उद्यमी से पर्वतारोही बनीं 53 वर्षीय एवरेस्टर संगीता बहल आज अपने नाम के साथ एवरेस्टर शब्द जुड़ जाने से अपने आपको काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। एवरेस्टर संगीता ने जब 19 मई की सुबह 7.10 बजे 70 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही तेज बर्फीली हवाओं के बीच विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतेह किया तो उनका हौंसला मानों सातवें आसमान पर था। उन्हें तो कुछ पल यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह सचमुच आज विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर खड़ी हैं।

 19 मई को संगीता ने किया एवरेस्टर फतह

बेस कैंप में लौटने के बाद दैनिक जागरण से फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 19 मई शनिवार की वह सुबह उन्हें ताउम्र याद रहेगी, जब उन्हें अपने सपने को साकार करने का मौका मिला था। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि गत वर्ष मई महीने में भी एवरेस्ट फतेह करने निकली थीं, लेकिन बीमार होने के कारण वह अभियान में सफल नहीं हो पाई थीं। इस बार पूरी तैयारी के साथ गत 28 मार्च को एवरेस्ट अभियान के लिए रवाना हुई जिसका परिणाम आज सभी के सामने हैं।

 मिस इंडिया की पूर्व फाइनलिस्ट रह चुकी हैं संगीता

मिस इंडिया की पूर्व फाइनलिस्ट रह चुकी संगीता बेस कैंप में काफी समय बिताने और खुम्बू र्दे में अपने आप को अभियान के लिए पूरी तरह से तैयार करने के बाद वह 13 मई की सुबह 2 बजे अपना सपना साकार करने के लिए रवाना हुई और अंतत: अपने अभियान में कामयाब रहीं। मौजूदा समय में संगीता बहल गुरुग्राम में इम्पैक्ट इमेज कंसल्टेंट कंपनी खोलकर समाज के हर वर्ग का मोटिवेशन कर रही हैं।

पंजाबी फेडरेशन की ओर से बेटी बचाओ अभियान के तहत संगीता को भारतीय महिला गौरव अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके जीवन का लक्ष्य न केवल पर्वत की ऊंचाइयों को छूना है बल्कि देश की गरीब महिलाओं को साक्षर कर उनको स्वरोजगार भी दिलाना है।

एवरेस्‍ट से पहले किलिमंजारी को भी फतह कर चुकी हैं संगीता

उन्होंने उम्र को मात्र एक नंबर करार देते हुए बताया कि 47 वर्ष की आयु में अपने पति अंकुर बहल के साथ अफ्रीका स्थित किलिमंजारी चोटी व अन्य देशों की पांच चोटियों को भी फतेह कर चुकी हैं। इसमें रूस की इलब्रस चोटी, अंटार्कटिका की विनसन चोटी, साउथ अमेरिका की अकानकागुआ चोटी और नार्थ अमेरिका की माउंट मैकिनले चोटी शामिल है।

राज्य की छठी महिला प्रतिभागी 

गौरतलब है कि संगीता बहाल एवरेस्ट फतेह करने वाली राज्य की छठी महिला प्रतिभागी बन गई हैं। इससे पहले वर्ष 2005 में सेरिंग लाडोल, 22 मई 2016 को स्टेरजिन लसकित, ताशी लसकित, सेरिंग अंगमो और रिगजिन डोलकर ने एवरेस्ट चोटी फतेह की थी।


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