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कश्मीर : सिख युवक ने बच्ची को बचाने के लिए बर्फीले पानी में कूदकर लगा दी जान की बाजी

सिमरन पाल सिंह ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मैंने एक बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनी। कुछ लोग उसे निकालने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कोई भी बर्फीले पानी में उतरने और डूबने के डर से नहर में उतरने की हिम्मत नहीं दिखा रहा था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 08:55 AM (IST)
कश्मीर : सिख युवक ने बच्ची को बचाने के लिए बर्फीले पानी में कूदकर लगा दी जान की बाजी
मैंने देखा कि अगर कुछ और देरी हुई तो ठंड से बच्ची की जान जा सकती है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जिले के बेमिना क्षेत्र में हमदानिया कालोनी में एक पांच वर्षीय बच्ची नहर के किनारे बने तटबंद पर जमी बर्फ की मोटी परल पर पैदल चल रही थी कि अचानक उसका पांव फिसला और वह नहर में जा गिरी। नहर में पानी बर्फीला था।

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वह मदद के लिए चिल्लाई, तभी पास में अपने घर की खिड़की में खड़े सिख युवक सिमरन पाल सिंह ने उसे देखा और अगले ही पल वह अपनी जान की परवाह किए बिना बर्फीले और गहरे पानी में उतर गया। इसके बाद कुछ और लोग भी मदद के लिए जुट गए और बच्ची को बाहर निकाल लिया। यह घटना गत शनिवार की है, जो वहां पास लगे एक सीसीटीवी में कैद हो गई। सिमरन पाल की इस बहादुरी और सूझबूझ को कश्मीर के लोग सराह रहे हैं।

सिमरन पाल सिंह ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मैंने एक बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनी। कुछ लोग उसे निकालने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कोई भी बर्फीले पानी में उतरने और डूबने के डर से नहर में उतरने की हिम्मत नहीं दिखा रहा था। मैंने देखा कि अगर कुछ और देरी हुई तो ठंड से बच्ची की जान जा सकती है। मैं तुरंत पानी में कूद गया। वहां एक हमारे पड़ोसी बुजुर्ग भी थे, उन्होंने भी मेरी मदद की।

हमारे गुरुओं ने हमें सरबत दा पला करने की दी है सीख : सिमरन ने कहा कि मैं सिख हूं और हमारे गुरुओं ने हमें सरबत दा पला (सभी का भला) करने की सीख दी है, चाहे इसमें हमारी जान ही क्यों न चली जाए। हमारा पंथ हमें किसी के साथ भेदभाव करना नहीं सिखाता। बच्ची को बचाने के दौरान उसकी गर्दन में आई चोट के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि यह कुछ नहीं है, ठीक हो जाएगी। अगर मैं अपनी चोट की फिक्र करता तो बच्ची को कौन बचाता। मैं वाहे गुरु का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे हिम्मत दी।

कश्मीर में हर कोई कर रहा सिमरन सिंह की तारीफ : श्रीनगर के फैयाज नामक एक युवक ने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम-सिख -इसाई की नहीं बल्कि इंसानियत और कश्मीरियत की बात है। कश्मीर में सिख, हिंदू और मुस्लिम एकता सदियों से है और आगे भी जारी रहेगी। केवल फैयाज ही नहीं, जिसने भी सिमरन पाल सिंह के बारे में सुना, वही उसकी तारीफ कर रहा है। 


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