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Shri Gobind Singh Jayanti 2021: गुरुपर्व पर गुरुद्वारा साहिब में उमड़ी संगत, जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को राजभाषा का दर्जा नहीं देने का उठा मुद्दा

जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू की तरफ से आयोजित किए गए समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित गणमान्य लोगों ने भी गुरुद्वारा में माथा टेका।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 05:49 PM (IST)
Shri Gobind Singh Jayanti 2021: गुरुपर्व पर गुरुद्वारा साहिब में उमड़ी संगत, जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को राजभाषा का दर्जा नहीं देने का उठा मुद्दा
गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर जम्मू में आयोजित समारोह में लोगों ने गुरुद्वारा में माथा टेका।

जम्मू, राज्य ब्यूरो :  दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 354 वा प्रकाशोत्सव जम्मू कश्मीर में श्रद्धाभाव और हर्षोल्लास से मनाया गया। गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर जम्मू में आयोजित हुए समारोह में सुबह दस बजे श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया। जम्मू व आसपास से हजारों की संख्या में संगत ने गुरु घर का आशीर्वाद लिया।

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जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू की तरफ से आयोजित किए गए समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला, उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित गणमान्य लोगों ने भी गुरुद्वारा में माथा टेका।

श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्थेभाई भूपेंद्र सिंह, भाई जगतार सिंह और स्थानीय रागी जत्थाें भाई रंधीर सिंह, भाई सुरजीत सिंह, भाई हरबंस सिंह, भाई रंजीत सिंह ने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया।प्रचारक भाई गुरदीप सिंह कपूरथला वाले और डेरा संतपुरा डना के संत तेजवंत सिंह ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। भाई गुरदीप सिंह ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने धर्म की खातिर अपने पूरे परिवार का बलिदान कर दिया।

जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय को मिलजुल कर रहना चाहिए

डेरा नंगाली साहिब के महंत मंजीत सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय को मिलजुल कर रहना चाहिए। युवाओं को अमृत छककर गुरु वाले बनना चाहिए। जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय को पेश आने वाली समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिख समुदाय के साथ भेदभाव रुका नहीं है। वजीर ने किसान आंदोलन, आनंद मैरिज एक्ट, एसआरओ 425 में कश्मीर के सिख समुदाय को नजरअंदाज करना, अंसारी कमीशन की रिपोर्ट को जारी करना व लागू करना, गुरुद्वारा भूमि पर बनी जम्मू नगर निगम की दुकानों के मुद्दों को उठाया। मंच का संचालन जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू के महासचिव फतेह सिंह ने किया। गुरु का लंगर अटूट बरता। इस बीच जम्मू शहर व आसपास इलाकों के विभिन्न गुरुद्वारों में दीवान सजाए गए और गुरुवाणी का पाठ पढ़ा गया। रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन किया। गुरुद्वारों को सजाया गया था। सिख समुदाय में गुरुपर्व को लेकर काफी उत्साह नजर आया।

पंजाबी भाषा को जम्मू कश्मीर में राजभाषा का दर्जा न देने का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया

पंजाबी भाषा को जम्मू कश्मीर में राजभाषा का दर्जा न देने का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया। जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की उपस्थिति में भी पंजाबी भाषा को नजरअंदाज करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग पंजाबी भाषा बोलता है। सिख संगत ने जो बोले सौ निहाल के जयकारों से सिख समुदाय की मांगों के प्रस्ताव को पारित किया।

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर जम्मू में आयोजित मुख्य समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह को सिरोपा और कृपाण भेंट कर सम्मानित किया गया। उपराज्यपाल को जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू की तरफ से महंत मंजीत सिंह ने सम्मानित किया जबकि गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने फारूक अब्दुल्ला को सम्मानित किया।

डा. फारूक अब्दुल्ला ने तीन बार जो बोले सौ निहाल के जयकारे लगाए

नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने गुरु घर का आशीर्वाद लेते हुए तीन बार जो बोले सौ निहाल के जयकारे लगाए। उन्होंने संगत को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर मुबारकबाद दी। फारूक ने कहा कि उन्हें कश्मीर जाना है और समय कम होने के कारण ज्यादा समय रुक नहीं रहे। उनके साथ नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह, रतन लाल गुप्ता व अन्य नेता साथ थे।


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